मंहगाई। फलों में श्री फल यानि की नारियल भगवान की पूजा में उपयोग किया जाता है, लेकिन नरियल पर अब मंहगाई की मार पड़ रही है और भक्तों को मंहगे दामों पर नारियल खरीदने पड़ रहे है। व्यापारियों की माने तो नारियल के दाम अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुच गए। आम तौर पर 25 रूपए में बिक्री होना वाला नारियल अब 35 से 40 रूपए तक बिक्री हो रहा है।
बढ़ेगी डिमांड
गुरूपूर्णिमा पर्व होने के साथ ही सावन मास शनिवार से शुरू हो रहा है, तो वही लगातर पर्व भी आ रहे है। ऐसे में नारियल की डिमांड बढ़ेगी, क्योकि हर घरों में पार्थी पूजा से लेकर शिव मंदिरों में रोजना लाखों की सख्यां में भक्त पूजा अर्चना करने के लिए पहुचेगे। वे सभी श्री फल भगवान को अवश्य चढ़ाते है। ऐसे में उन्हे मंहगे दामों पर नारियल खरीदने पड़ेगे।
नारियल तेल की बढ़ती डिमांड बन रही कारण
जो जानकारी सामने आ रही है उसके तहत इस वर्ष नारियल का स्टाक कम है। वजह है तेल कंपनियों में नारियल की डिमांड बढ़ गई है। केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु में नारियल का तेल उत्पादन करने वाली बड़ी कंपनियां खुद किसानों से सूखा नारियल खरीद रही हैं। उन्हें भी पर्याप्त नारियल नहीं मिल पा रहा। दक्षिण भारत में ही जो नारियल तेल इस साल की शुरुआत में 200 रुपये प्रति लीटर था, अब 450 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। तेल कंपनियां महंगा खोपरा खरीदने को तैयार हैं, ऐसे में दक्षिण भारत के किसान गीला नारियल बेचने की बजाय उसे प्रोसेस कर खोपरा बनाकर बेचने में जुट गए हैं। नारियल की नई फसल जब नए साल यानि की मार्च-अप्रैल में आएगी, जिसके बाद दामों में कंमी आने की उम्मीद बन पाएगी है।