Indore Metro: परियोजना में बदलाव लागू होने के बाद सबसे पहले नया सर्वे कराया जाएगा। सर्वे की रिपोर्ट आने पर डिज़ाइन में जरूरी सुधार किए जाएँगे। इसके बाद अगली कैबिनेट बैठक में संशोधित डिज़ाइन पेश कर मंज़ूरी ली जाएगी। कैबिनेट की हरी झंडी मिलते ही केंद्र सरकार से अंतिम अनुमति हासिल की जाएगी। सभी मंजूरियाँ मिलने के तुरंत बाद परियोजना का काम नए सिरे से शुरू हो जाएगा।
Indore Metro: इंदौर शहर के बहुप्रतीक्षित मेट्रो प्रोजेक्ट में एक बड़े बदलाव की तैयारी है, जिससे परियोजना की लागत और समय-सीमा दोनों पर सीधा असर पड़ेगा। पहले से तय डिजाइन और काम शुरू होने के बावजूद, प्रोजेक्ट के मध्य हिस्से के अंडरग्राउंड रूट में बदलाव का निर्णय लिया गया है। इस फेरबदल से न केवल प्रोजेक्ट का काम और पिछड़ सकता है, बल्कि इसकी लागत में भी भारी वृद्धि होगी।
सोमवार को इंदौर के विकास को लेकर हुई बैठक में मेट्रो ट्रेन का रूट खजराना से बड़ा गणपति तक अंडरग्राउंड करने का निर्णय लिया गया। पहले, इंदौर में मेट्रो का भूमिगत हिस्सा 8.7 किलोमीटर लंबा प्रस्तावित था, लेकिन इस बदलाव के बाद यह बढ़कर 12 किलोमीटर हो जाएगा।
बढ़ेगी लागत, फिर से शुरू होगी प्रक्रिया
इस रूट परिवर्तन से प्रोजेक्ट की कुल लागत में करीब एक हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का अनुमान है। वर्तमान में मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत पंद्रह हजार करोड़ रुपये है, जो अब बढ़कर सोलह हजार करोड़ रुपये के पार जा सकती है।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आश्वासन दिया है कि रूट बदलने में जो अतिरिक्त लागत आएगी, उसकी व्यवस्था की जाएगी। हालांकि, इस बदलाव के कई बड़े प्रक्रियात्मक परिणाम होंगे।
नई डिजाइन और सर्वे: रूट बदलने से पूरे हिस्से की डिजाइन में बड़ा बदलाव करना होगा। इसके लिए नए सिरे से सर्वे और मिट्टी परीक्षण की आवश्यकता होगी।
स्टेशनों में बदलाव: इस निर्णय से स्टेशनों के स्थान भी बदलेंगे, जबकि केंद्र सरकार की तरफ से पहले ही स्टेशनों का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है और प्रशासन ने जरूरत के हिसाब से जमीन भी आवंटित कर दी है।
लंबी मंजूरी प्रक्रिया: डिजाइन में बदलाव के बाद, नए प्रस्ताव को पहले राज्य कैबिनेट से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया के बाद ही नए सिरे से काम शुरू हो पाएगा।
बंगाली कॉलोनी क्षेत्र में नई चुनौती
मेट्रो ट्रैक की प्लानिंग में यह बदलाव बंगाली चौराहे वाले हिस्से के लिए भी नई चुनौती लाएगा। नए प्लान के तहत अब यहाँ से मेट्रो ट्रेन अंडरग्राउंड होगी। यह पूरा क्षेत्र पथरीला माना जाता है, जिससे यहाँ भूमिगत निर्माण कार्य में अधिक समय लग सकता है और तकनीकी चुनौतियाँ भी बढ़ सकती हैं।

