Indira Gandhi Death Anniversary: इंदिरा गांधी के हत्यारों के साथ क्या हुआ था?

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देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या आज ही के दिन यानी 31 अक्टूबर 1984 को नई दिल्ली के सफदरगंज रोड स्थित उनके आवास पर सुबह 9:30 बजे की गयी थी. उनकी हत्या करने वालों में कोई और नहीं बल्कि प्रधान मंत्री की सुरक्षा में लगे गार्ड्स ही थे. यह देश को हिला देने वाली घटना थी लेकिन ऐसी घटना हो सकती है इसका भी अंदाजा पहले से था. मगर किसी ने ये नहीं सोचा था कि इंदिरा गांधी को वही लोग गोलियों से छलनी कर देंगे जिन पर उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी थी.

क्यों हुई थी इंदिरा गांधी की हत्या

Why Indira Gandhi Was Killed: बात है 1984 की. पंजाब में सिख आंदोलन चरम पर था. इसका नेतृत्व खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले कर रहा था. वो भी स्वर्ण मंदिर में बैठकर। 5 जून 1984 को उस वक्त की पीएम इंदिरा गांधी ने खालिस्तानी आतंकवाद को ख़त्म करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) शुरू करने का आदेश दिया। ऑपरेशन में भिंडरावाला मारा गया. इसके अलावा 493 लोगों की मौत हो गई थी. जिसमें 83 भारतीय सैनिक भी थे. साथ ही 249 लोग घायल हुए थे. इस ऑपरेशन से स्वर्ण मंदिर के कुछ हिस्सों को क्षति पहुंची। इससे सिख समुदाय का एक बड़ा तबका इंदिरा से नाराज हो गया था.

ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) के बाद खुफिया ब्यूरो को लगातार इंदिरा गांधी की हत्या की साजिश रचे जाने के इनपुट मिल रहे थे. इसी के चलते रॉ के पूर्व प्रमुख आर एन काव (R.N.Kao) को पीएम का सुरक्षा सलाहकार बनाया गया. साथ ही इंदिरा गांधी के सुरक्षा दस्ते से बेअंत जैसे सिख गार्ड्स को हटाकर दिल्ली पुलिस में वापस भेज दिया गया. लेकिन इंदिरा को लगा कि सिख गार्ड्स को हटाने से जनता के बीच उनकी सिख विरोधी छवि बनेगी। लिहाजा उन्होंने दिल्ली पुलिस को अपने सिख गार्ड्स को बहाल करने का आदेश दिया, जिसमें बेअंत सिंह और सतवंत सिंह दोनों शामिल थे.

31 अक्टूबर के दिन इंदिरा सुबह 9:30 बजे जैसे ही इंटरव्यू के लिए निकली और गेट पर पहुंची जहाँ उन्होंने गेट पर खड़े सुरक्षा गार्ड बेअंत सिंह से नमस्ते किया। इतने में बेअंत ने सरकारी रिवाल्वर इंदिरा गांधी पर तान दी। तभी इंदिरा बोली,’तुम क्या कर रहे हो?’ पलभर की ख़ामोशी के बीच बेअंत सिंह फायर करता है. गोली इंदिरा के पेट पर लगती है. इसके बाद बेअंत ने 4 और गोलियां इंदिरा पर चलाई। उसके साथ खड़े दूसरे सिख गार्ड सतवंत से उसने चिल्लाते हुए कहा कि ‘गोली मारो’. सतवंत घबराया हुआ था लेकिन उसकी बात सुनते ही उसने भी इंदिरा पर 25 गोलियाँ दाग दी. गोली लगने के बाद इंदिरा को अस्पताल ले जाएगा गया जहाँ उन्हें 88 बोतल खून चढ़ाया गया लेकिन कुछ काम नहीं आया. अंततः दोपहर 2 बजकर 23 मिनट पर औपचारिक रूप से इंदिरा की मौत की घोषणा हुई.

इंदिरा के हत्यारों के साथ क्या हुआ था?

What happened to killers of Indira Gandhi: इंदिरा पर गोलियां चलाने के बाद बेअंत सिंह और सतवंत सिंह को अन्य सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया। इस दौरान भागने की कोशिश में बेअंत सिंह मारा गया. सतवंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. सतवंत के साथ ही इंदिरा की हत्या की साजिश रचने वाले केहर सिंह और बलवंत सिंह पर मुकदमा चला. हालाँकि बाद में सबूत के अभाव में बलवंत रिहा हो गया, लेकिन अदालत में इंदिरा पर गोलियां चलाने वाले सतवंत और साजिश रचने वाले केहर सिंह को उनकी हत्या का दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई गई.

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