Ujjain 2nd Global Spiritual Tourism Conference: केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को उज्जैन में आयोजित द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सॉफ्ट पावर भारत की ताकत बनेगी, जिसके लिए सभी को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। चुनौतियां वैश्विक हैं, लेकिन भारत आर्थिक, सामाजिक और सामरिक क्षेत्रों में प्रगति के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जनन करने का कार्य कर रहा है।
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को उज्जैन में आयोजित द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व में प्रतिवर्ष 1.8 करोड़ लोग हज और 1 करोड़ लोग उमरा के लिए जाते हैं। तुलनात्मक रूप से भारत में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, विशेषकर उज्जैन जैसे आध्यात्मिक केंद्रों में। उन्होंने कहा कि सॉफ्ट पावर भारत की ताकत बनेगी, जिसके लिए सभी को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। चुनौतियां वैश्विक हैं, लेकिन भारत आर्थिक, सामाजिक और सामरिक क्षेत्रों में प्रगति के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जनन करने का कार्य कर रहा है। तीर्थाटन और संत परंपरा ने भारत को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सीएम ने कहा आज विश्व भारत की ओर देख रहा है
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज विश्व भारत की ओर देख रहा है। उन्होंने कहा, “पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण हर दिशा से सुखद समाचार आ रहे हैं। जो हमें प्रतिस्पर्धी मानते हैं, वे असुरक्षा में हैं, लेकिन हमारा ध्यान अपने विकास पर है।” उन्होंने बाबा महाकाल और अन्य धार्मिक स्थलों के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के बाद पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को गति दी जा रही है।
उज्जैन को वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बनाने की दिशा में प्रयास
आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास ने बताया कि विश्व के शीर्ष 10 आध्यात्मिक शहरों में भारत के चार शहर प्रयागराज, अयोध्या, तिरुपति और वाराणसी शामिल हैं, जहां प्रतिवर्ष 3-5 करोड़ श्रद्धालु आते हैं। मध्यप्रदेश का कोई शहर अभी इस सूची में नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री की पहल से उज्जैन को जल्द ही वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि 20 वर्ष पूर्व उज्जैन में इस्कॉन मंदिर की स्थापना के समय तत्कालीन उज्जैन विकास प्राधिकरण के चेयरमैन डॉ. मोहन यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भारत की जीडीपी में आध्यात्मिक पर्यटन का योगदान
गौरांग दास ने बताया कि भारत की जीडीपी का 2.5% आध्यात्मिक पर्यटन से आता है, और इसे 13% तक बढ़ाने की संभावना है। सम्मेलन में भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों, मंदिर अर्थव्यवस्थाओं और उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति पर सत्र आयोजित किए गए। केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने वीर दुर्गादास की छत्री के संरक्षण और विकास कार्यों का भूमिपूजन भी किया।
सिंहस्थ 2028 की तैयारियां और बुनियादी ढांचा विकास
सम्मेलन का उद्देश्य सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को गति देना और कॉर्पोरेट समूहों व मंदिर ट्रस्टों के साथ सहयोग स्थापित करना है। पर्यटन समिति के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि पिछले कुंभ में 64 करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए थे। सरकार घाट, हेलीपैड और अन्य बुनियादी ढांचे पर तेजी से काम कर रही है, साथ ही सामुदायिक विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
सम्मेलन के प्रमुख सत्र
मंदिर अर्थव्यवस्थाएं: तिरुपति, वैष्णो देवी और काशी विश्वनाथ जैसे मंदिर स्थानीय अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूत करते हैं।
महाकाल का मंडल: उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति और शहरी विकास।
वेलनेस और आध्यात्मिकता: योग, आयुर्वेद और कल्याण का एकीकरण।
डिजिटल में दिव्य: एआई, वीआर और मोबाइल एप्स का आध्यात्मिकता पर प्रभाव।
ज्योतिर्लिंग सर्किट: 12 ज्योतिर्लिंगों का सांस्कृतिक महत्व।
पीएचडीसीसीआई और पर्यटन मंत्रालय का योगदान
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) और मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में 300 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल हुए। PHDCCI के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा कि भारत को वैश्विक आध्यात्मिक पहचान दिलाने की दिशा में कार्य हो रहे हैं। पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि धार्मिक पर्यटन में 20% की वृद्धि हुई है, और मध्यप्रदेश के धार्मिक शहर शीर्ष 5 में शामिल हैं।
अतिथियों का मंदिर भ्रमण और रिपोर्ट विमोचन
सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधियों ने श्री महाकालेश्वर और काल भैरव मंदिर का भ्रमण किया। PHDCCI-केपीएमजी की रिपोर्ट ‘आस्था और प्रवाह: भारत के पवित्र स्थलों में जनसमूह का मार्गदर्शन’ का विमोचन भी किया गया।