दुनिया की महान शक्तियों की के बीच में भारत तेजी से अपनी धाक बना रहा है. 2024 के आखिरी महीने दिसंबर में जारी एक ताजा लिस्ट में भारत ने ब्रिटेन, फ्रांस और साउथ कोरिया जैसी महाशक्तियों को पीछे छोड़ के अपना नाम ऐसे देशों के आगे दर्ज कर लिया है। यहाँ जिउसकी बात हो रही है, वो द एट ग्रेट पावर्स ऑफ 2025 की रिपोर्ट है।
इसमें टॉप 8 सुपरपावर्स के नाम शामिल होते हैं इसी लिए इसका नाम भी है द एट ग्रेट पावर्स। इसी में भारत ने भी न्यूकमर के तौर पर अपना नाम इसकी लिस्ट में शामिल करवा के सारी दुनिया को अपन लोहा मनवा दिया। इसकी लिस्ट को आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक प्रभाव, राजनीतिक स्थिरता और सैन्य ताकत के आधार पर तैयार किया जाता है….. तो चलिए अब बात करते है इसकी रैंकिंग की।
टॉप 8 लिस्ट में शामिल महाशक्तियां :
द एट ग्रेट पावर्स ऑफ 2025’ के नाम से जारी इस सूची में सुपरपावर अमेरिका पहले नंबर पर है. वहीं, चीन को इस लिस्ट में दूसरा स्थान मिला है. तीसरे नंबर पर रूस, चौथे नंबर पर जापान का नाम लिस्ट में शुमार है. वहीं, इस लिस्ट में पांचवां स्थान मिला भारत को इसके बाद फ्रांस को छठा, ब्रिटेन का सातवां और साउथ कोरिया को लिस्ट में आठवां स्थान मिला है.
भारत बना सुपरपावर :
चौथे नंबर पर जापान के बाद लिस्ट में शामिल भारत की बात करें तो भारत को इस लिस्ट में एक न्यूकमर ग्लोबल पावर का दर्जा दिया गया है. इसमें कहा गया है की भारत के पास बहुत अच्छी जनसंख्या है और उसकी आर्थिक प्रगति की दर इस लिस्ट में शामिल किसी दुसरे देश से ज्यादा है। भारत का राजनीतिक सिस्टम खुला है जो तकनीकी कंपनियों को नई खोज करने के लिए प्रेरित करता है। भारत का ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका और रूस के साथ बहुत अच्छा रक्षा संबंध है। इससे भारत को सबसे आधुनिक सैन्य तकनीक आसानी से मिल जाती है।
हालांकि भारत को पाकिस्तान लगातार प्रभावित कर रहा है जिससे नई दिल्ली का व्यापक अंतरराष्ट्रीय असर प्रभावित हो रहा है हालाँकि देश रूस या चीन की तुलना में ज्यादा लोकतांत्रिक बना हुआ है। इस लिस्ट की खासियत देखी जाये तो इसमें एशिया के 4 देश शामिल हैं, जिससे वैश्विक रूप से एशिया का दबदबा साफ़ तौर पर दिख रहा है.
अमेरिका है सबसे ताक़तवर :
यूरेशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लिस्ट में चीन की बढ़त के बाद भी अमेरिका पहले नंबर के साथ दुनिया का सबसे ताकतवर देश बना हुआ है. इस रैंकिंग में कहा गया है कि अमेरिका के पास दुनिया के सबसे घातक और व्यापक रक्षा प्रतिष्ठान है। अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जो किसी भी समय दुनिया के किसी भी महाद्वीप में सैन्य कार्रवाई करने की ताकत रखता है। इसमें चीन को दूसरे नंबर पर जगह दी गई है लेकिन जनसंख्या में आ रही गिरावट का उस पर बुरा असर पड़ा है।
चीन की तकनीकी शक्ति बढ़ी :
इसमें यह भी कहा गया है कि चीन और अमेरिका के बीच तकनीकी खाई कम हो रही है और ड्रैगन लगातार अपनी अर्थव्वस्था और रक्षा औद्योगिक आधार को बढ़ा रहा है। इस बारे में डॉक्टर रोबर्ट का कहना है की चीन की सबसे बड़ी कमजोरी यह थी कि उसके पास मजबूत गठबंधन नहीं था लेकिन अब यूक्रेन युद्ध के बाद बीजिंग इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। चीन बहुत सतर्कता के साथ मध्य एशिया और अफ्रीका में व्यवसायिक विस्तार कर रहा है जिससे उसकी सामरिक पहुंच बढ़ रही है।
रूस बना तीसरी महाशक्ति :
ये बड़ी हैरानी की बात है की लगातार लगते वैश्विक प्रतिबन्ध और यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बावजूद रूस का सुपरपावर लिस्ट में तीसरा स्थान है। इसके लिए कहा गया है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बाद भी रूस के पास कई तरह की बढ़त बनी हुई है। रूस के पास प्राकृतिक संसाधनों का भंडार है। रूस की जनसंख्या भले ही बुजुर्ग हो रही है लेकिन यह काफी ज्यादा पढ़ी लिखी है। रूस के पास अभी भी बहुत ज्यादा परमाणु बम हैं और इससे वह यूक्रेन में बिना किसी रोकटोक के अपना अभियान चल रहा है।
आउटलेट “19फोर्टीफाइव जारी करता है ये लिस्ट :
इस रैंकिंग की बात करें तो ये अमेरिकी आउटलेट “19फोर्टीफाइव” के लिए डॉ. रॉबर्ट फ़ार्ले द्वारा दी गयी है। जिन्होंने “ग्राउंडेड: द केस फॉर एबोलिशिंग द यूनाइटेड स्टेट्स एयर फ़ोर्स,” “पेटेंट्स” जैसी किताबें लिखी हैं।