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Indian Students Deaths: अमेरिका में लगातार हो रही है भारतीय छात्रों की मौत!

Indian Students Deaths: अमेरिका में भारतीय मूल के छात्रों की लगातार हो रही मौत के मामले परेशान करने वाले हैं.बीते कुछ हफ़्तों में 7 भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है.सभी की मौतें अलग अलग कारणों से हुई हैं.कुछ मामलों में मौत का कारण पता लग गया है वहीँ कुछ मामले अभी भी अनसुलझे हैं.बाइडेन प्रशासन के राष्ट्र्रीय सुरक्षा कौंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्वी ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हिंसा के लिए कोई बहाना नहीं है और किसी भी तरह से नस्ल,रंग या लिंग आधारित हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा साथ ही उन्होंने कहा की इस समस्या से निपटारे के लिए प्रशासन कार्यरत है

लम्बा है घटनाओं का सिलसिला

जाह्नवी कंडुला की मौत का मामला अभी सबसे ज्यादा सुर्ख़ियों में है. मामला पुराना है लेकिन इसपर कानूनी फैसला नया.अमेरिकी अथॉरिटीज ने बीते दिनों कहा कि केविन डेव जो एक पुलिस अधिकारी हैं उन्हें सजा नहीं होगी।यहाँ आपको बता दें कि इसी व्यक्ति की गाड़ी की टक्कर से जाह्नवी की मौत हुई था.मामला जनवरी का था.इस पर सबूतों की कमी का हवाला देते हुए पुलिस ने कहा कि उसे सजा नहीं दी जाएगी हालाँकि सिएटल स्थित भारतीय दूतावास ने कहा है कि अमेरिका इस फैसले को रिव्यु करे.

2 हफ्ते पहले अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन (Washington) में एक भारतीय मूल के शख्स की मौत हुई शख्स का नाम विवेक तनेजा था और उसकी उम्र 41 साल थी.विवेक एक टेक कंपनी के मालिक थे.पुलिस ने बताया कि 2 फरवरी के दिन एक रेस्टोरेंट के बाहर विवेक का एक व्यक्ति से झगड़ा हुआ था और दोनों के बीच मारपीट हुई थी.जब पुलिस वहां पहुंची तो विवेक बेहोश पड़े हुए थे जहाँ से उन्हें अस्पताल ले जाया गया और वहां 7 फरवरी को उनकी मौत हो गयी.पुलिस ने बताया कि विवेक के सर पर गहरी चोट आयी थी.

4 फरवरी को सैयद मजाहिर अली नाम के भारतीय छात्र पर हमला हुआ था.इसका वीडियो भी सामने आया था जिसमे 3 लोग छात्र का पीछा कर रहे थे और उन्होंने उसका फ़ोन छीनने के साथ ही उसे इतना मारा की छात्र लहूलुहान हो गया.बाद में आसपास के लोगों ने छात्र की मदद की.छात्र खाना लेने घर से बाहर गया था.

वहीँ बीते समय में 4 भारतीय मूल के छात्रों की मौत हुई है.2 फरवरी को श्रेयश रेड्डी नाम के छात्र की मौत हो गयी थी.कारण का पता नहीं चल पाया था.अकुल धवन नाम के छात्र का शव 20 जनवरी 2024 को इलिनोइस अर्बाना-शैंपेन यूनिवर्सिटी के बाहर मिला था।पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण ठण्ड को बताया गया था.अकुल के गायब होने पर उनके घरवालों ने विश्वविद्यालय पर लापरवाही का आरोप लगाया था.

28 जनवरी को अमेरिका (America) के इंडिआना राज्य के पर्ड्यू यूनिवर्सिटी (Purdue University) कैंपस में छात्र नील आचार्य की मौत हो गयी थी.नील इंजीनियरिंग के छात्र थे और एक ब्रिलियंट स्टूडेंट थे.उनकी मौत का कारण भी अभी तक पता नहीं चल पाया है.

वहीँ विवेक सैनी नाम के भारतीय शख्स की एक बेघर व्यक्ति ने मुफ्त में खाना न देने पर हथौड़े से मार कर हत्या कर दी गयी थी.जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो आरोपी शव के ऊपर खड़ा था.यह घटना बेहद निर्मम थी.

बीबीसी की एक रिपोर्ट में वर्जिनिया की जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे भारतीय छात्र विवेक आनंद का कहना है कि वो लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.अमेरिका में Gun Laws स्ट्रिक्ट नहीं हैं.वो लोग ज्यादातर जगहों पर अकेले नहीं जाते हैं.

अमेरिका में लोगों को डर है कि अगर भारतीय अमेरिका में आते हैं तो उनकी जॉब पर खतरा आ जाएगा।अमेरिका के कई इलाकों में नस्लीय हिंसा और भेदभाव के मामले भी हैं.

अमेरिका में 900 अरब के करीब खर्च कर रहे हैं भारतीय छात्र

अगर आंकड़ों की बात करें तो अमेरिका की एक संस्था ओपन डोर्स के मुताबिक 2023 में भारत से अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या में 35 फ़ीसदी की बढ़त हुई है.ये सबसे ज्यादा है.ये छात्र शिक्षा से लेकर अन्य सभी खर्चों को मिलाकर 900 अरब के करीब खर्च कर रहे हैं

ऐसे में इस तरह के मामले कई तरह के सवाल खड़े करते हैं.साथ ही में भारतीय छात्रों के बाहर पलायन का मुद्दा भी सवालों के घेरे में आता है.

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