Indian Railway Track: भारत में इस समय ट्रेनें एडवांस और हाईटैक होती जा रही हैं. जहाँ एक ओर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर यात्रा में लगने वाले समय को कम किया जा रहा है. ऐसे में आप लगातार देख भी रहे होंगे चाहे वंदे भारत ट्रेनों के जरिए हो या किसी और चीज की सहायता से इस काम को और आसान बनाने के लिए देश का पहला High Speed Dedicated Trial Track राजस्थान के डीडवाना-कुचामन जिले के नांवा शहर में सांभर झील के बीच बनकर लगभग तैयार हो गया है.
220km/hrs की स्पीड से होगा ट्रायल
गौरतलब है कि इस काम में 967 करोड़ की लागत लगी है. साथ ही आपको बता दें कि इस 64km लंबे ट्रैक पर हाई स्पीड, सेमी हाई स्पीड, बुलेट और मेट्रो ट्रेन का ट्रायल किया जाएगा. ट्रायल के दौरान इन ट्रेनों रफ्तार 220 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है.
अंग्रेजों के समय की डली लाइन को सैटेलाइट से खोज निकाला
आजादी से पहले नांवा शहर में सांभर झील के बीच अंग्रेजों ने जयपुर-जोधपुर के बीच रेलवे लाइन बिछाई थी. लेकिन, अनेदखी के चलते पिछले 50 साल में यह लाइन लाइन मिट्टी में दब गई थी. रेलवे ने सैटेलाइट की मदद से इसे खोजा. इस दौरान अंग्रेजों के समय बनाए गए रेलवे कार्यालय भी दबे मिले. इसके बाद अवैध नमक की क्यारियां हटाकर खुदाई की गई, तब पुराना ट्रैक मिला. इस पूरे काम में रेलवे ने 8 गांवों से जमीन भी अधिग्रहण की थी. कई साल की मेहनत के बाद अब यह ट्रैक लगभग बनकर तैयार हो गया है.
पड़ोसी देश भी कर सकेंगे अपनी ट्रेनों का परीक्षण
इस ट्रैक पर पुल, 125 अंडर ब्रिज और ओवर ब्रिज भी बनाए गए हैं. ट्रायल के दौरान हाई स्पीड ट्रेन जैसे बुलेट ट्रेन को यहां से गुजारकर स्पीड का परीक्षण किया जाएगा. इस ट्रैक पर सिर्फ भारत ही नहीं, पड़ोसी देश भी अपनी ट्रेनों का परीक्षण कर सकेंगे. आने वाले समय में इस ट्रैक पर हाई-स्पीड, सेमी-स्पीड, बुलेट और मेट्रो ट्रेनों का परीक्षण होगा. मिठड़ी से गूढ़ा तक बनने वाले इस ट्रैक पर 4 स्टेशन बनाए जाएंगे. इसमें मिठड़ी, नांवा, जाबड़ी नगर और गूढ़ा स्टेशन शामिल होंगे, इनमें से नांवा सिटी मुख्य स्टेशन रहेगा.
Track की खासियत
गोलाकार टेस्ट ट्रैक
64km लंबा यह ट्रायल ट्रैक पूरी तरह सीधा नहीं है. इसमें कई घुमावदार पॉइंट बनाए गए हैं, जिससे यह पता चल सके कि इन टर्न पर रेल कितनी रफ्तार में गुजर सकती है. क्या बिना स्पीड कम किए भी ट्रेन को गुजारा जा सकता है.
Steel और RCC से बने पुल
इस Track पर Steel और RCC के पुल बनाए गए हैं. इन्हें कंपनरोधी तकनीक से तैयार किया गया है. इससे तेज रफ्तार पर ट्रेन गुजरने से वाइब्रेशन कम होगा और स्टील पर जंग भी नहीं लगेगी. इन पुल पर ट्रेन की अधिकतम रफ्तार कितनी रह सकती है, ट्रायल में यह जांचा जाएगा.
लूप लाइन और कर्व
इसकी मुख्य लाइन 23 किलोमीटर लंबी है. गूढ़ा में 13 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड लूप बनाया गया है, जिससे आमने-सामने आती ट्रेनों को बिना रुके क्रॉस कराया जाएगा. ट्रायल के दौरान यह देखा जाएगा कि क्रॉसिंग के समय ट्रेनों की रफ्तार की रह सकती है.
स्वाभिमानी और आत्मनिर्भरता से भरपूर
नॉर्थ वेस्ट रेलवे जयपुर के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि इस Track पर Bullet Train ही नहीं, भविष्य में High Speed, Semi High Speed और Metro Trains का ट्रायल भी होगा. इस ट्रायल ट्रैक के तैयार होने के बाद भारत हाई-स्पीड ट्रेन परीक्षण में आत्मनिर्भर बन जाएगा. इसके अलावा, अन्य देशों की ट्रेनों का परीक्षण भी यहां संभव होगा. इस प्रोजेक्ट में NW Railway टीम के साथ-साथ इलेक्ट्रिक, सिग्नल और सिविल इंजीनियरिंग विभागों की विशेष टीमें भी शामिल हैं.