Indian Navy Day 2025 : भारतीय नौसेना दिवस,जानें इसका इतिहास-महत्व – हर साल 4 दिसंबर को देशभर में भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) मनाया जाता है। यह दिन भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमता, अनुशासन, राष्ट्रभक्ति और समुद्री सुरक्षा में निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका का प्रतीक है। नौसेना दिवस विशेष रूप से 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान किए गए ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की ऐतिहासिक जीत को समर्पित है, जिसमें भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर हमला कर उसकी नौसैनिक शक्ति को निर्णायक रूप से कमजोर कर दिया था। बिना किसी सैनिक को खोए मिली यह जीत भारतीय सैन्य इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जाती है। आज के दौर में भारतीय नौसेना न केवल युद्धक क्षमता के लिए जानी जाती है, बल्कि यह देश की समुद्री सीमाओं, व्यापारिक मार्गों, मानवीय सहायता, आपदा प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को भी मजबूती देती है। Indian Navy Day 2025-हर वर्ष 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस 1971 के युद्ध में ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की सफलता की याद में मनाया जाता है। इस दिन नौसेना की शक्ति, त्याग, समुद्री सुरक्षा और राष्ट्र सेवा को सलाम किया जाता है।
भारतीय नौसेना दिवस क्यों मनाया जाता है ?
नौसेना दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है
- 1971 में भारतीय नौसेना द्वारा किए गए ऑपरेशन ट्राइडेंट की वीरता को याद करना
- नौसेना कर्मियों के साहस, अनुशासन और समर्पण का सम्मान करना
- जनता को भारतीय नौसेना की भूमिकाओं और योगदान के बारे में जागरूक करना
- युवाओं में राष्ट्रभक्ति और सैन्य सेवाओं के प्रति प्रेरणा जगाना
ऑपरेशन ट्राइडेंट: 1971 की गर्जनभरी जीत
3-4 दिसंबर 1971 की रात भारतीय नौसेना ने एक साहसिक और अविश्वसनीय मिशन अंजाम दिया। मुख्य बिंदु-
- भारतीय नौसेना के मिसाइल बोट्स ने कराची बंदरगाह पर अचानक हमला किया।
- पाकिस्तान की PNS Khaibar, PNS Shah Jahan सहित कई जहाज नष्ट हुए।
- कराची ऑयल टैंक फार्म में भी भीषण आग लगी, जिससे पाकिस्तान की ईंधन आपूर्ति बाधित हो गई।
- इस ऑपरेशन में भारत का कोई भी जहाज या जवान शहीद नहीं हुआ, जो इसे और भी ऐतिहासिक बनाता है।
इस सफलता ने युद्ध की दिशा मोड़ दी और भारत की नौसैनिक शक्ति पूरे विश्व में स्थापित हो गई।
भारतीय नौसेना की भूमिका और योगदान
भारतीय नौसेना केवल युद्ध तक सीमित नहीं है, बल्कि-
- समुद्री सुरक्षा और सीमा रक्षा
- हिंद महासागर क्षेत्र में शांति स्थापित करना
- समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा
- आपदा के समय राहत और बचाव
- अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यासों में भागीदारी
- समुद्री डकैती, तस्करी और आतंकवाद का मुकाबला
इन सभी क्षेत्रों में नौसेना की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
नौसेना दिवस कैसे मनाया जाता है ?
4 दिसंबर को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं-
- नौसैनिक परेड और शक्ति प्रदर्शन
- समुद्री अभ्यास (Naval Demonstration)
- नौसेना संग्रहालयों में विशेष कार्यक्रम
- वीर शहीदों को श्रद्धांजलि
- स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम
- सोशल मीडिया पर नौसैनिक कर्मियों को सम्मान
निष्कर्ष-भारतीय नौसेना दिवस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भारत की समुद्री शक्ति, वीरता और गौरव का प्रतीक है। 1971 के ऑपरेशन ट्राइडेंट ने दिखाया कि भारतीय नौसेना किसी भी चुनौती का डटकर सामना कर सकती है। आज 4 दिसंबर हमें याद दिलाता है कि समुद्र से जुड़े हर खतरे के खिलाफ देश की ढाल भारतीय नौसेना हमेशा तत्पर है। देश की सुरक्षा में जुटे हर नौसैनिक को सलाम ।
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