Indian Railway News: आज के समय में मेट्रो भी आवागमन का सुगम माध्यम बन गया है. जी हाँ जैसे दिल्ली मेट्रो के मदद से हर रोज लाखों लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक सफर करते हैं. दिल्ली जैसे शहर में मेट्रो को यातायात व्यवस्था की धड़कन कहा जाता है.
ट्रेन में होते हैं टॉयलेट लेकिन मेट्रो में क्यों नहीं!
लोगों के जेहन में भी ये सवाल कभी ना कभी जरूर आया होगा कि मेट्रो में ट्रेन की तरह टॉयलेट क्यों नहीं होते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे की आखिर मेट्रो में ऐसा क्यों होता है. चलिए बताते हैं.
साफ सफाई के कारण
अगर टॉयलेट होगी तो कहीं ना कहीं साफ सफाई में कमी आएगी. मेट्रो के अंदर टॉयलेट ना होने की सबसे बड़ी वजह साफ-सफाई को बनाए रखना है. अगर मेट्रो ट्रेन के अंदर टॉयलेट की सुविधा दी जाए तो सफाई रखना मुश्किल हो सकता है और बदबू या गंदगी से यात्रियों को परेशानी हो सकती है.
दूसरी वजह एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुँचने में लगने वाला समय
दरअसल मेट्रो में एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन की दूरी काफी कम होती है मसलन एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन जाने में 2-4 मिनट लगते हैं ऐसे में ऐसे में यात्रियों को ज्यादा देर तक टॉयलेट रोके रखने की जरूरत नहीं पड़ती. वे आसानी से अगले स्टेशन पर उतरकर वहां बने टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
आधिकारिक वजह
आपको बता दें कि, इसको लेकर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की तरफ से अब तक मेट्रो में टॉयलेट ना होने पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है. हालांकि DMRC ने हर बड़े मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों के लिए साफ-सुथरे टॉयलेट की सुविधा देती है.
ध्यान रखने योग्य बात
यह ध्यान रखने वाली बात है कि हर छोटे मेट्रो स्टेशन पर टॉयलेट की सुविधा नहीं है. इसलिए अगर आपको टॉयलेट जाना है तो किसी बड़े इंटरचेंज या टर्मिनल स्टेशन का ही इस्तेमाल करना आप के लिए बेहतर होगा.
इन नियमों का करें पालन
Metro Rail में सफर करते वक़्त कई नियमों का पालन करना जरूरी है, जैसे की मेट्रो में ज्वलनशील पदार्थ, बड़े गैस सिलेंडर या भारी सामान ले जाना प्रतिबंधित है. अगर आपको मेट्रो में लंबा सफर करना है तो कोशिश करें कि यात्रा शुरू करने से पहले ही स्टेशन पर बने टॉयलेट का इस्तेमाल कर लें. इससे बीच सफर में असुविधा नहीं होगी.