Indian Economy Vs US Economy: ट्रंप को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए

Indian economy vs US economy which is better: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने हाल ही में दावा किया कि भारत की अर्थव्यवस्था ‘मृत’ (Dead Indian Economy) है, जिसने वैश्विक और भारतीय मंचों पर तीखी प्रतिक्रियाएं बटोरी हैं। ट्रम्प का यह बयान भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था (Fast-Growing Indian Economy) और सकल घरेलू उत्पाद (US GDP Vs India GDP) के आंकड़ों के सामने खोखला नजर आता है। दूसरी ओर, अमेरिका का कर्ज (US National Debt 2025) और उसकी आर्थिक वृद्धि दर (US GDP Growth Rate Vs India GDP Growth Rate 2025) भारत की तुलना में कमजोर रफ्तार दिखाते हैं। आइए दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं का तुलनात्मक विश्लेषण करें और देखें कि कौन सी अर्थव्यवस्था वास्तव में मजबूत है।

भारत की जीडीपी बनाम अमेरिका की जीडीपी

Indian GDP Vs US GDP 2025: 2025 में, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत की नाममात्र जीडीपी (India’s nominal GDP 2025) 4.19 ट्रिलियन डॉलर है, जो इसे विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाती है (Fourth Largest Economy). वहीं, अमेरिका 30.51 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है (Largest Economy). हालांकि, क्रय शक्ति समता (Purchasing Power Parity, PPP) के आधार पर भारत की पीपीपी जीडीपी (India GDP PPP)14.6 ट्रिलियन डॉलर है, जो इसे तीसरे स्थान पर रखती है . अमेरिका की PPP जीडीपी 30.51 ट्रिलियन डॉलर है, जो भारत से दोगुनी से अधिक है।

लेकिन भारत का प्रति व्यक्ति जीडीपी (India GDP Per Capita 2025) केवल 2,900 डॉलर है, जबकि अमेरिका (US GDP Per Capita) का 92,000 डॉलर है, जो दोनों देशों की जनसंख्या और जीवन स्तर में अंतर को दर्शाता है . फिर भी, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2025 में 6.2-6.5% रहने की उम्मीद है, जबकि अमेरिका (India vs US GDP Growth 2025) की केवल 2.3% है यह भारत की गतिशील अर्थव्यवस्था को दर्शाता है, जो ट्रम्प के दावे को गलत साबित करता है।

भारत या अमेरिका कौन बड़ा कर्जदार है?

Who is bigger debtor India or America: अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज 34 ट्रिलियन (US Debt-to-GDP Ratio) डॉलर से अधिक है, जो उसकी जीडीपी का 120% है . यह विश्व में सबसे अधिक कर्ज वाले देशों (The country with the most debt in the world) में से एक है। भारत का राष्ट्रीय कर्ज 3.4 ट्रिलियन (India Debt-to-GDP Ratio) डॉलर है, जो उसकी जीडीपी का 81.59% है . भारत का कर्ज अनुपात अमेरिका, जापान (400%) और चीन (300%) की तुलना में कम है, जो भारत की बेहतर वित्तीय स्थिति को दर्शाता है.

विश्व बैंक के अनुसार, भारत का कर्ज प्रबंधन और राजकोषीय घाटे में कमी इसे दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करता है। ट्रम्प का भारत पर ‘मृत’ अर्थव्यवस्था का आरोप इस संदर्भ में आधारहीन लगता है, क्योंकि अमेरिका स्वयं कर्ज के भारी बोझ से जूझ रहा है।


भारत की अर्थव्यवस्था सेवा क्षेत्र (Services Sector India), जिसमें आईटी, वित्त और बीपीओ शामिल हैं, से 60% योगदान प्राप्त करती है . कृषि क्षेत्र 18.4% और उद्योग क्षेत्र 26% योगदान देता है। भारत की अर्थव्यवस्था का आधार इसकी युवा और तकनीकी रूप से कुशल जनसंख्या और बढ़ता मध्यम वर्ग है। दूसरी ओर, अमेरिका की अर्थव्यवस्था भी सेवा क्षेत्र (US Services Sector) पर आधारित है (70%), जिसमें प्रौद्योगिकी, वित्त और रिटेल शामिल हैं। अमेरिका की उन्नत प्रौद्योगिकी और नवाचार इसे वैश्विक नेता बनाते हैं, लेकिन इसकी वृद्धि दर भारत की तुलना में धीमी है।

भारत की ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) और डिजिटल इंडिया (Digital India) जैसी नीतियों ने इसकी आर्थिक गति को बढ़ाया है, जबकि अमेरिका वैश्विक व्यापार तनाव (Global Trade Tensions) और नीतिगत अनिश्चितता (US Policy Uncertainty) से प्रभावित है।


भारत की अर्थव्यवस्था को बुनियादी ढांचे की कमी, बेरोजगारी (Unemployment in India) और आय असमानता (Income Inequality India) जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, सरकारी सुधारों, जैसे जीएसटी और प्रत्यक्ष कर छूट, ने उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा दिया है. दूसरी ओर, अमेरिका उच्च मुद्रास्फीति (US High Inflation) और श्रम की कमी (US Labor Shortage) से जूझ रहा है। भारत की जनसंख्या वृद्धि (India Population Growth) इसे दीर्घकालिक विकास के अवसर देती है, जबकि अमेरिका की उम्रदराज जनसंख्या (US Aging Population) इसकी वृद्धि को सीमित कर सकती है।

क्या भारत की अर्थव्यवस्था मर चुकी है

Is the Indian economy dead: ट्रम्प का ‘भारत की अर्थव्यवस्था मृत’ बयान उनके भारत के साथ व्यापारिक तनाव (US-India Trade Dispute) और भारत-रूस रक्षा सौदों (India-Russia Defense Deals) पर नाराजगी का परिणाम हो सकता है। भारत ने हाल ही में अमेरिका के F-35 जेट डील को ठुकरा दिया (India Rejects F-35 Deal), जो ट्रम्प के रुख को और उकसा सकता है।

भारत की 6.2% की वृद्धि दर, 171 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की उपलब्धि, और 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना (When India Will Become Third Largest Economy) ट्रम्प के दावे को झुठलाती है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था, हालांकि विशाल, वैश्विक व्यापार बाधाओं और कर्ज के दबाव से जूझ रही है।


अमेरिका की अर्थव्यवस्था आकार और प्रति व्यक्ति आय में भारत से कहीं आगे है, लेकिन भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, कम कर्ज अनुपात, और दीर्घकालिक विकास की संभावनाएं इसे एक उभरता हुआ आर्थिक महाशक्ति बनाती हैं. ट्रम्प का बयान राजनीति से प्रेरित लगता है, क्योंकि भारत की आर्थिक प्रगति (India Economic Progress) और वैश्विक रैंकिंग (India Global GDP Ranking) उनकी टिप्पणी को गलत साबित करती है। अमेरिका अभी भी वैश्विक आर्थिक नेता है, लेकिन भारत की गतिशीलता और रणनीतिक सुधार इसे भविष्य में और मजबूत बनाएंगे। दोनों अर्थव्यवस्थाएं अपने-अपने संदर्भ में मजबूत हैं, लेकिन भारत की वृद्धि दर और संभावनाएं इसे दीर्घकाल में अधिक आशाजनक बनाती हैं।



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