Shubhanshu Shukla News: 39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला लखनऊ, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ से पढ़ाई की और नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से ग्रेजुएशन पूरा किया। 17 जून 2006 को वह भारतीय वायुसेना के फाइटर विंग में शामिल हुए और एक अनुभवी फाइटर पायलट और टेस्ट पायलट के रूप में अपनी पहचान बनाई।
Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए एक नया इतिहास रचने जा रहे हैं। 8 जून 2025 को वह एक्सिओम-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे, जिससे वह आईएसएस पर पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन जाएंगे। यह मिशन नासा, एक्सिओम स्पेस और इसरो के बीच सहयोग का एक शानदार उदाहरण है, जो भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान में बढ़ती वैश्विक भूमिका को दर्शाता है।
लॉन्च की तारीख को आगे बढ़ाया
एक्सिओम-4 मिशन एक निजी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसे अमेरिका की कंपनी एक्सिओम स्पेस और नासा संयुक्त रूप से संचालित कर रहे हैं। इस मिशन का प्रक्षेपण 8 जून 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 6:41 बजे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान के माध्यम से होगा। पहले यह मिशन 29 मई 2025 को निर्धारित था, लेकिन आईएसएस के उड़ान कार्यक्रम की समीक्षा के बाद नासा ने लॉन्च की तारीख को आगे बढ़ाया।
तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी होंगे शामिल
पैगी व्हिटसन (अमेरिका, मिशन कमांडर, नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री)
स्लावोश उज्नान्स्की-विस्निव्स्की (पोलैंड, मिशन स्पेशलिस्ट)
टिबोर कपु (हंगरी, मिशन स्पेशलिस्ट)
यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि यह इन देशों का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहला मिशन होगा। यह 40 वर्षों में सरकार द्वारा प्रायोजित दूसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन भी है।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला? (who is Shubhanshu Shukla)
Shubhanshu Shukla Kaun hain: 39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला लखनऊ, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ से पढ़ाई की और नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) से ग्रेजुएशन पूरा किया। 17 जून 2006 को वह भारतीय वायुसेना के फाइटर विंग में शामिल हुए और एक अनुभवी फाइटर पायलट और टेस्ट पायलट के रूप में अपनी पहचान बनाई।
शुभांशु ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं अपने अनुभव को फोटो और वीडियो के माध्यम से कैद करना चाहता हूं ताकि 140 करोड़ भारतीय इसे मेरी आंखों से देख सकें। यह मेरी व्यक्तिगत यात्रा नहीं, बल्कि पूरे भारत की यात्रा है।”
मिशन का उद्देश्य
एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुभांशु और उनकी टीम इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 14 दिन बिताएंगे। इस दौरान वे माइक्रोग्रैविटी रिसर्च के लिए सात वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जो भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान को बढ़ावा देंगे। ये प्रयोग गगनयान मिशन की तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण होंगे, जो भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है।
इसके अलावा, शुभांशु अंतरिक्ष में भारतीय खान-पान से जुड़े प्रयोग भी करेंगे। इसरो के अनुसार, वह मूंग दाल हलवा, भारतीय चावल, और आम का रस जैसे भारतीय व्यंजन खाएंगे, जिन्हें नासा ने मंजूरी दी है।
2047 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री भेजने का लक्ष्य
शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा 1984 में राकेश शर्मा की अंतरिक्ष उड़ान के बाद भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत ने 2035 तक अपना भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और 2047 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री भेजने का लक्ष्य रखा है। एक्सिओम-4 मिशन इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भारत के वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग और तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करता है।
क्या काम करता है ISS?
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी से 403 किलोमीटर की ऊंचाई पर निम्न कक्षा में चक्कर लगाता है। यह नासा, रॉसकॉसमॉस, ईएसए, जाक्सा और सीएसए जैसे पांच अंतरिक्ष एजेंसियों का संयुक्त प्रोजेक्ट है। इसका आकार पांच बेडरूम वाले घर या दो बोइंग 747 जेटलाइनर जितना है, और यह वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए एक माइक्रोग्रैविटी प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता है।