Indian Army’s Tested New AI-based Negev Gun News In Hindi: भारतीय सेना ने रक्षा क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। देहरादून की कंपनी बीएसएस मटेरियल लिमिटेड के सहयोग से विकसित की गई एआई-आधारित ऑटोनॉमस लीथल वेपन सिस्टम, नेगेव लाइट मशीन गन (एलएमजी) का 14,000 फीट की ऊंचाई पर सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। यह हथियार न केवल दुश्मन को स्वचालित रूप से पहचानने में सक्षम है, बल्कि बिना मानवीय दखल के सटीक फायरिंग भी कर सकता है। यह तकनीक भारतीय सेना को ठंडे और ऊंचे इलाकों, जैसे लद्दाख और सियाचिन जैसे क्षेत्रों में, उसकी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेगी।
नेगेव एलएमजी गन की विशेषताएं
नेगेव लाइट मशीन गन को इजरायल की कंपनी इजरायल वेपन इंडस्ट्रीज (IWI) ने डिजाइन किया है, लेकिन इसका एआई-आधारित स्वचालित संस्करण भारत में ही “मेक इन इंडिया” के तहत विकसित किया गया है। यह गन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से दुश्मन को आटोमैटिक रूप से पहचानकर उसपर सटीक निशाना लगा सकती है। 14,000 फीट की ऊंचाई और ठंडे मौसम में भी यह हथियार पूरी तरह कार्य करता रहेगा, जो इसे ऊंचे पर्वतीय और हिमालयी क्षेत्रों के लिए भी इसे उपयोगी बनाएगा। यह गन पूरी तरह आटोमैटिक है, जो किसी के बिना भी स्वतंत्र रूप से फायरिंग कर सकती है, जिससे सैनिकों को रणनीतिक लाभ मिलेगा।
14,000 फीट पर सफल ट्रायल
हाल ही में भारतीय सेना ने इस हथियार का कठिन परिस्थितियों में परीक्षण किया। 14,000 फीट की ऊंचाई पर, जहां ऑक्सीजन की कमी और अत्यधिक ठंड होती है, यह गन अपनी सटीकता और विश्वसनीयता साबित कर सकती है। यह परीक्षण न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय सेना की भविष्य की रणनीति को भी दर्शाता है। इस हथियार की तैनाती से सीमा पर निगरानी और जवाबी कार्रवाई की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
“मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” योजना के तहत हुआ निर्माण
यह प्रोजेक्ट भारत सरकार की “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” पहल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। देहरादून की बीएसएस मटेरियल लिमिटेड ने इस हथियार के स्वदेशीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस तरह की परियोजनाएं न केवल भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाती हैं, बल्कि स्थानीय उद्योगों को भी बढ़ावा देती हैं। यह न केवल तकनीकी नवाचार का प्रतीक है, बल्कि भारत की रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने का भी संकेत देता है। ठंडे और ऊंचे इलाकों में इसकी तैनाती से भारतीय सेना को सामरिक बढ़त मिलेगी, जिससे देश की सीमाएं और सुरक्षित होंगी। यह “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में और भी नवाचारों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भविष्य के लिए अत्यंत उपयोगी
एआई-आधारित नेगेव लाइट मशीन गन का सफल परीक्षण भारतीय सेना और स्वदेशी रक्षा उद्योग के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है। एआई-आधारित नेगेव गन की तैनाती से भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। यह हथियार न केवल सीमा पर दुश्मनों से निपटने में प्रभावी होगा, बल्कि भविष्य में ड्रोन और अन्य स्वचालित प्रणालियों के साथ एकीकृत होकर और भी उन्नत युद्ध प्रणाली का हिस्सा बन सकता है। इसके अलावा, इस तकनीक का उपयोग अन्य रक्षा उपकरणों में भी हो सकता है, जिससे भारत वैश्विक रक्षा तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बन सकता है।