Indian Air Defence System: जानिए कैसा है भारत का एयर डिफेंस सिस्टम

Indian Air Defence System: इजराइल पर हाल ही में ईरान ने जबरजस्त मिसाइल हमला किया। इस हमले के दौरान करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दांगी गई। ऐसे में अगर भारत की बात करें तो भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को काफी मजबूत किया है। भारत की इस प्रणाली को बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) सिस्टम कहते हैं.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इजराइल को हाल ही में ईरान से मिसाइल हमले का सामना करना पड़ा. उस पर करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं. यह दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष में अपनी तरह का सबसे बड़ा हमला था. एरो-2 और एरो-3 सहित इज़राइल की उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणालियों (एयर डिफेंस सिस्टम) ने इनमें से कई मिसाइलों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इससे ऐसे खतरों का मुकाबला करने में उनकी प्रभावशीलता और क्षमता का पता चला.

1. बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम

गौरतलब है कि बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम (बीएमडीएस) एक सैन्य रक्षा प्रणाली है. इसका उद्देश्य दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकना और उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने से रोकना है. भारत का बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम टू लेयर्स में पर काम करता है. पृथ्वी एयर डिफेंस सिस्टम हाई एल्टीट्यूड इंटरसेप्शन और एडवांस एरिया डिफेंस लोअर एल्टीट्यूड थ्रेट्स के लिए काम करता है. इस तरह टू लेयर डिफेंस सिस्टम के जरिए भारत दुश्मन की मिसाइल को अलग-अलग चरणों में एंगेज कर सकता है. यह प्रणाली विभिन्न चरणों में काम करती है, जिनमें शामिल हैं:

  • ट्रैकिंग: मिसाइल की गति और दिशा को निरंतर ट्रैक करना.
  • इंटरसेप्शन: मिसाइल को उसके लक्ष्य तक पहुंचने से रोकने के लिए एक इंटरसेप्टर मिसाइल का प्रयोग करना.
  • डिस्ट्रॉय: इंटरसेप्टर मिसाइल द्वारा मिसाइल को नष्ट करना.
  • रडार सिस्टम: मिसाइल का पता लगाने और ट्रैक करने के लिए.

2.भारत में बीएमडीएस की प्रगति:

आपको बता दे कि भारत ने अपने बीएमडीएस कार्यक्रम के तहत कई सफल परीक्षण किए हैं. भारत का बीएमडीएस दो चरणों में काम करता है:एडवांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) सिस्टम: यह सिस्टम 5000 किमी तक की दूरी पर मिसाइलों को रोकने में सक्षम है.पृथ्वी एयर डिफेंस (पीएडी) सिस्टम: यह सिस्टम 2000 किमी तक की दूरी पर मिसाइलों को रोकने में सक्षम है.

3 .प्रोजेक्ट कुशा

  • रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक परियोजना है. इसके तहत भारत लंबी दूरी की मोबाइल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली विकसित कर रहा है. इसे विस्तारित रेंज एयर डिफ़ेंस सिस्टम (ERADS) या XRSAM के नाम से भी जाना जाता है. इस मिसाइल प्रणाली में कम से कम तीन तरह के इंटरसेप्टर होंगे. इस मिसाइल प्रणाली के बारे में कुछ खास बातें:
  • यह मिसाइल 250 किलोमीटर की रेंज तक फाइटर जेट, मिसाइलों और ड्रोन को निशाना बना सकती है.

4 . S 400 ट्रायम्फ:

  • दूरी तक कवरेज: S-400 400 किमी तक की दूरी पर हवाई हमलों को रोक सकता है.
  • मल्टी टार्गेट इंगेजमेंट: यह एक ही समय में कई लक्ष्यों को ट्रैक और नष्ट कर सकता है.
  • विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता: यह मिसाइल, विमान, ड्रोन और यहां तक कि हाइपरसोनिक वाहनों को भी नष्ट कर
  • सकता है. यह प्रणाली 17 माच (17 गुना ध्वनि की गति) तक की गति से चलने वाले लक्ष्यों को नष्ट कर सकती है.
  • इसमें उन्नत रडार प्रणाली है, जो लक्ष्यों की पहचान और ट्रैकिंग में मदद करती है.
  • यह प्रणाली हवाई हमलों से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
  • यह मिसाइल हमलों को रोकने में सक्षम है.
  • यह ड्रोन और यूएवी को नष्ट करने में सक्षम है.

5- बाराक-8:

  • इज़रायल और भारत के संयुक्त उद्यम में विकसित एक एडवांस्ड हवाई रक्षा प्रणाली है. यह प्रणाली हवाई हमलों से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और भारत की सैन्य क्षमता में महत्वपूर्ण योगदान देती है. बाराक-8 भारतीय नौसेना के जहाजों पर तैनात किया गया है. यह प्रणाली भारतीय वायुसेना के बेसों पर भी तैनात की जा रही है. बाराक-8 भारतीय थलसेना के लिए भी विकसित किया जा रहा है. इसकी खासियत:
  • दूरी तक कवरेज: बाराक-8 70-100 किमी तक की दूरी पर हवाई हमलों को रोक सकता है.
  • मल्टी टार्गेट इंगेजमेंट: यह एक ही समय में कई लक्ष्यों को ट्रैक और नष्ट कर सकता है.
  • विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता: यह मिसाइलें, विमान, ड्रोन और यहां तक कि हाइपरसोनिक वाहनों को भी नष्ट कर सकता है.

इससे पता चलता है कि भारत युद्ध स्तर पर युद्ध स्तर पर अपनी सेना को मजबूत करने में लगा हुआ है। यह बहुत जरूरी है कि भारत भविष्य के खतरों से निपटने के लिए कार्य कर रहा है .

यह भी देखें :https://youtu.be/b3h1JVzojRE?si=s4aDZx2HEhGjwAiP

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