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Chess Olympiad 2024 : चेस ओलंपियाड में भारत ने जीते 2 गोल्ड, महिलाओं का भी धमाल, टूटा 97 साल का रिकॉर्ड।

Chess Olympiad 2024 : शतरंज ओलंपियाड के इतिहास में पहली बार भारत ने वो कर दिखाया है जो 97 सालों में पहले कभी नहीं हो पाया था। डी गुकेश और अर्जुन एरिगैसी के दम पर भारत ने शतरंज ओलंपियाड के ओपन सेक्शन में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। इसके अलावा भारत ने महिला वर्ग में भी स्वर्ण पर कब्जा किया है। यह भी पहली बार है कि भारत ने शतरंज ओलंपियाड में इन दोनों वर्गों में स्वर्ण जीता है।

45वां शतरंज ओलंपियाड हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में खेला जा रहा है।

बुडापेस्ट में खेले जा रहे 45वें शतरंजओलंपियाड में डी गुकेश ने व्लादिमीर फेडोसीव को हराया, जबकि एरिगैसी ने जान सुबेल को हराया। इस सेक्शन में पहला स्थान हासिल करने के लिए भारतीय पुरुषों को आखिरी राउंड में केवल ड्रॉ की जरूरत थी। लेकिन भारत ने जहां दो मैच जीते, वहीं दूसरे स्थान पर मौजूद चीन ने अमेरिका के खिलाफ अंक गंवाए।

ये खिलाड़ी पुरुष और महिला टीमों में खेले। Chess Olympiad 2024

भारतीय पुरुष टीम में डी गुकेश, अर्जुन एलेगासी, विदित गुजराती, पेंटाला हरिकृष्णा, आर प्रज्ञानंद और श्रीनाथ नारायणन शामिल थे। वहीं महिला वर्ग में भारत ने पिछले मैच में अजरबैजान को 3.5-0.5 से हराया था। महिला टीम में हरिका द्रोणावल्ली, वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, तानिया सचदेव और अभिजीत कुंटे शामिल थीं।

गुकेश ने भारत की स्वर्ण जीत की नींव रखी। Chess Olympiad 2024

18 वर्षीय डी गुकेश ने टूर्नामेंट के शीर्ष खिलाड़ियों में से एक रूस के व्लादिमीर फेडोसेव को हराकर भारत की सफलता में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी जीत ने टूर्नामेंट में भारतीय दबदबे की नींव रखी। वहीं, अर्जुन ने जॉन सुबलेज को हराकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और स्लोवेनिया के खिलाफ अहम मुकाबले में भारत की पकड़ मजबूत की।

गुकेश की जीत ने भारत को स्वर्ण के करीब पहुंचाया

शनिवार को डी गुकेश ने अमेरिका के फैबियानो कारूआना को हराकर भारतीय टीम को ओपन कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीतने के बेहद करीब पहुंचा दिया। गुकेश की जीत बेहद खास रही क्योंकि इससे अमेरिका को शुरुआती बढ़त मिली जबकि वेस्ली सो ने आर प्रज्ञानंदधा को हराया।

अर्जुन 5 घंटे में मैराथन जीतने में सफल रहे। Chess Olympiad 2024

अमेरिका की इस बढ़त के बावजूद भारतीय टीम इस मैच को हारने की स्थिति में कभी नहीं थी क्योंकि अर्जुन एरिगैसी ने लेनियर डोमिन्ग्यूज पेरेज पर शिकंजा कस रखा था। करीब पांच घंटे की मैराथन जीतने में अर्जुन सफल रहे जबकि विदित गुजराती लेवोन अरोनियन को बराबरी पर रोकने में सफल रहे।

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