भारत में धन असमानता चरम पर: टॉप 10% के पास 65% संपत्ति, बॉटम 50% को सिर्फ 15%

भारत में धन असमानता दर्शाने वाला ग्राफ, जिसमें टॉप 10% और बॉटम 50% की संपत्ति हिस्सेदारी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है

विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 (World Inequality Report 2026) ने भारत में धन और आय की असमानता को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की चेतावनी दी है। (India Wealth Inequality 2026) टॉप 10% अमीरों के पास 65% संपत्ति और 58% आय का कब्जा है, जबकि निचले 50% आबादी को महज 15% हिस्सा मिलता है। दक्षिण अफ्रीका के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे असमान देश बन चुका है। (Top 10% Wealth Share India) रिपोर्ट के अनुसार, ये गैप इतना चौड़ा हो गया है कि पर्यावरणीय असर भी असमान हो रहा – अमीर 77% कार्बन उत्सर्जन के जिम्मेदार हैं।

टॉप 10% के पास 65% संपत्ति, टॉप 1% को 40%

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में प्रति व्यक्ति औसत संपत्ति 29.62 लाख रुपये है, लेकिन ये आंकड़ा धोखा देता है। (Per Capita Wealth India) टॉप 10% लोगों की औसत संपत्ति 10.58 करोड़ रुपये है, जबकि बॉटम 50% के पास प्रति व्यक्ति सिर्फ 6.88 लाख रुपये। टॉप 1% के पास करीब 40% संपत्ति है, और टॉप 0.001% (करीब 56,000 लोग) के पास प्रति व्यक्ति 10 करोड़ यूरो (लगभग 1058 करोड़ रुपये) से ज्यादा। (Top 1% Wealth Concentration) भारत के 1687 अरबपतियों की कुल संपत्ति 167 लाख करोड़ रुपये है, जो देश की जीडीपी के आधे के बराबर है। सबसे अमीर मुकेश अंबानी परिवार (Mukesh Ambani Net Worth 2026) की नेटवर्थ 9.55 लाख करोड़ रुपये, उसके बाद गौतम अडानी और परिवार के 8.15 लाख करोड़।

टॉप 10% को 58% कमाई, बॉटम 50% को 15%

आय के मामले में भी हालात बदतर हैं। टॉप 10% को 58% आय का हिस्सा मिलता है (2021 में 57% था), जबकि बॉटम 50% को 15% (पहले 13%)। (Income Inequality India 2026) प्रति व्यक्ति औसत सालाना आय (पीपीपी के हिसाब से) 6.56 लाख रुपये है, लेकिन टॉप 10% को इसका 58% शेयर। ये असमानता दक्षिण अफ्रीका (टॉप 10% को 66% आय) के बाद सबसे ज्यादा है। लैटिन अमेरिका (ब्राजील, मैक्सिको) में 60% आय टॉप 10% के पास है, लेकिन यूरोप (स्वीडन, नॉर्वे) में बॉटम 50% को 25% मिलता है।

100 पुरुषों पर सिर्फ 15.7 महिलाएं नौकरी में

रिपोर्ट ने लैंगिक भेदभाव पर भी चिंता जताई। भारत में महिलाओं की श्रम भागीदारी दर (Female Labor Participation Rate) सिर्फ 15.7% है – यानी 100 पुरुषों के मुकाबले केवल 15.7 महिलाओं के पास रोजगार। (Gender Inequality India) वैश्विक स्तर पर महिलाएं कुल श्रम आय का महज 25% हिस्सा ले पाती हैं। पिछले दशक में ये दर जस की तस बनी हुई है, जो आर्थिक विकास को बाधित कर रही।

टॉप 10% के पास 75% संपत्ति, बॉटम 50% को 2%

दुनिया भर में धन असमानता चरम पर है। टॉप 10% के पास 75% संपत्ति है, जबकि बॉटम 50% को सिर्फ 2%। (Global Wealth Distribution) आय में टॉप 10% को 53% और बॉटम 50% को 8% हिस्सा। पर्यावरणीय असर और भी चौंकाने वाला – टॉप 10% 77% कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार, बॉटम 50% सिर्फ 3%। (Carbon Emission Inequality) उत्तर अमेरिका और ओशिनिया में संपत्ति वैश्विक औसत से 338% ज्यादा है, जबकि दक्षिण एशिया (भारत सहित) में काफी कम।

1980 से 2025 तक भारत बॉटम 50% में खिसका

1980 में भारत की आबादी वैश्विक मिडिल 40% ग्रुप में प्रमुख थी, लेकिन 2025 तक लगभग पूरी बॉटम 50% में खिसक गई। (Historical Wealth Shift India) चीन ने उल्टा प्रगति की और मिडिल इनकम ग्रुप में चढ़ गया। रिपोर्ट के अनुसार, ये बदलाव आर्थिक नीतियों और वैश्वीकरण से जुड़े हैं। (India vs China Inequality)

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