India Vs Pakistan After Independence: भारत बनाम पाकिस्तान, आज़ादी के 78 साल बाद दोनों देशों में क्या बदला?

India vs Pakistan, what has changed after 78 years of independence: 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान (Pakistan Independence Day 2025) और 15 अगस्त 1947 को भारत (Independence Day India 2025) ने ब्रिटिश शासन (British Rule) से आजादी हासिल की, लेकिन इन 78 सालों में दोनों देशों की राहें इतनी अलग-अलग हो गईं कि यह आज एक तीखा कटाक्ष बन गया है। जहां भारत ने लोकतंत्र, प्रगति , और शक्ति के साथ दुनिया में अपनी पहचान बनाई, वहीं पाकिस्तान अपनी ही गलतियों और अराजकता में उलझकर बर्बादी की ओर बढ़ता रहा। आर्थिक, सामाजिक, सैन्य, और तकनीकी क्षेत्रों में भारत ने मील के पत्थर हासिल किए, जबकि पाकिस्तान भारत से दुश्मनी मोल लेने और खुद को “ताकतवर” समझने की भूल करता रहा।

आज़ादी के बाद भारत और पाकिस्तान की तुलना

Comparison of India and Pakistan after independence:

आजादी के बाद भारत की उपलब्धियां

Achievements of India after Independence: भारत ने आजादी के बाद संवैधानिक लोकतंत्र (Constitutional Democracy Of India) को मजबूत किया, जहां 1950 में लागू हुआ संविधान ( Indian Constitution) देश को एकता और विविधता का प्रतीक बनाया। आर्थिक मोर्चे पर, 1947 में 3% वैश्विक जीडीपी (Indian Global GDP) से शुरूआत करने वाला भारत अब $3.5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Fifth Largest Economy) बन गया है।

तकनीकी क्षेत्र में, भारत ने इसरो (ISRO) के जरिए चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) और मंगलयान (Mangalyaan) जैसे मिशन लॉन्च किए, जो अंतरिक्ष में उसकी दावेदारी को दर्शाते हैं। सामाजिक प्रगति में, साक्षरता दर (India Literacy Rate) 77% से ऊपर पहुंच गई, और जीवन प्रत्याशा (India”s Life Expectancy) 70 साल को पार कर चुकी है। सैन्य शक्ति ( India’s Military Strength) के मामले में, भारत के पास 1.4 मिलियन सक्रिय सैनिक और परमाणु हथियार (India’s Nuclear Weapons) हैं, जो इसे क्षेत्रीय शक्ति बनाते हैं।

आज़ादी के बाद से अबतक पाकिस्तान

Pakistan since independence: वहीं पाकिस्तान ने आजादी के बाद सैन्य तानाशाही (Military Dictatorship In Pakistan) और राजनीतिक अस्थिरता (Political Instability In Pakistan) को अपनाया। 1958 में पहली बार सेना प्रमुख अयूब खान (Ayub Khan) ने सत्ता हथिया ली, और इसके बाद जनरल जिया-उल-हक (Zia-ul-Haq) और परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) जैसे तानाशाहों ने देश को अपनी जागीर (Fiefdom) बनाया।

आर्थिक रूप से, पाकिस्तान की जीडीपी (Pakistan GDP) आज भी $350 बिलियन के आसपास अटकी है, जो भारत के एक तिहाई से भी कम है। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान के अलग होकर बांग्लादेश (Bangladesh) बनने की हार ने उसकी कमजोरी को उजागर किया। आतंकवाद को पालने का परिणाम यह रहा कि ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) जैसे आतंकवादी सेना की शह में रहे, और ISI ने आतंकी संगठनों (Terror Groups In Pakistan) को बढ़ावा दिया, जिससे पाकिस्तान आतंक का पर्याय बन गया।

सामाजिक और तकनीकी पिछड़ापन

सामाजिक मोर्चे पर, पाकिस्तान की साक्षरता दर (Pakistan Literacy Rate) 60% से भी कम है, और गरीबी (Poverty Rate Pakistan) 40% से अधिक आबादी को प्रभावित करती है। महिलाओं की स्थिति (Women’s Status In Pakistan) में सुधार की बात तो दूर, वहां सम्मान के नाम पर हिंसा आम है।

तकनीकी क्षेत्र में, पाकिस्तान का योगदान न के बराबर है, जबकि भारत ने IT हब (Indian IT Hub) के रूप में वैश्विक पहचान बनाई। सैन्य शक्ति (Pakistan Military Power) में भी पाकिस्तान भारत से पीछे है, जहां उसके पास 6,50,000 सक्रिय सैनिक हैं, लेकिन आधुनिक तकनीक और रक्षा बजट में भारत का दबदबा है।

दुश्मनी की भूल: हास्यास्पद दावे

पाकिस्तान की यह भूल कि वह भारत से टकराने की हिम्मत रखता है, हास्यास्पद है। 1947, 1965, 1971, और 1999 की जंगों )में उसकी हार ने साफ कर दिया कि वह भारत के सामने टिक नहीं सकता। फिर भी, जनरल असिम मुनीर (Asim Munir) जैसे नेताओं की जामनगर रिफाइनरी को निशाना बनाने की धमकी और शाहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) का पानी का हथियार (Water Weapon) वाला बयान उनकी बेबसी (Helplessness) को छुपाने की कोशिश है। भारत के जवाबी ऑपरेशन जैसे सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) ने उनकी हिम्मत तोड़ दी है, फिर भी वे खुद को “शक्तिशाली” समझने की भूल करते हैं।

भारत ने 78 साल में लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था, और तकनीक में जो उपलब्धियां हासिल कीं, वहीं पाकिस्तान आतंक, गरीबी, और अस्थिरता का गढ़ बन गया। उसकी भारत से दुश्मनी उसे और गहरे दलदल में धकेल रही है। शायद पाकिस्तान को अपनी बर्बादी से सबक लेना चाहिए, क्योंकि भारत के सामने उसकी ये तमाशेबाजी ज्यादा दिन नहीं टिकेगी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *