भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता रद्द होने की कगार पर: क्या संबंधों में आएगी दरार?

India-US Trade Talks: भारत और अमेरिका (India-US) के बीच लंबे समय से चली आ रही व्यापार वार्ता रद्द होने की कगार पर पहुंच गई है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों (India US Economic and Diplomatic Ties) पर सवाल उठने लगे हैं। हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी प्रशासन (US Administration) ने भारत के साथ अगस्त 2025 में होने वाली वार्ता को रद्द करने का संकेत दिया है, जो दोनों देशों के बीच $47 बिलियन के व्यापार घाटे को कम करने के लिए थी। इस कदम ने भारत में चिंता और अमेरिका में बहस को जन्म दिया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत से अधिक बाजार पहुंच और निवेश की मांग की थी, लेकिन भारत ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। ट्रंप प्रशासन चाहता था कि भारत $25 बिलियन के ऊर्जा आयात और रक्षा खरीद में वृद्धि करे, लेकिन भारतीय पक्ष ने इसे अस्वीकार करते हुए अपने हितों की रक्षा की। इसके अलावा, ट्रंप की हालिया पाकिस्तान के साथ मित्रता और चीन के साथ व्यापारिक वार्ता ने भारत को प्राथमिकता से बाहर कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ट्रंप का ध्यान अब अन्य सहयोगियों पर है।”

पिछले महीने, जून 2025 में ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी थी, जिसके जवाब में भारत ने जवाबी कदम की बात कही। इसके बाद 10 अगस्त 2025 को अमेरिकी विदेश विभाग (US State Department) ने भारत के साथ वार्ता को “अप्रभावी” करार दिया, जिसने रद्द होने की अटकलों को बल दिया। इस बीच, ट्रंप की पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असिम मुनीर के साथ मुलाकात और उनकी भारत को धमकी ने भारत-अमेरिका संबंधों (India-US Relations) में और तनाव बढ़ाया है।

भारत और अमेरिका की ट्रेड टॉक कैंसिल होने के नुकसान

  • आर्थिक नुकसान: भारत का अमेरिका को निर्यात (Export to US), जो 2024 में $80 बिलियन था, प्रभावित हो सकता है, खासकर IT और दवा क्षेत्र में।
  • कूटनीतिक दरार: भारत अपने रणनीतिक साझेदार रूस (Russia) और यूरोपीय संघ (European Union) की ओर मुड़ सकता है, जो अमेरिका के लिए नुकसानदेह होगा।
  • प्रतिस्पर्धा: अमेरिका की चीन और पाकिस्तान के साथ बढ़ती नजदीकी भारत को क्षेत्रीय प्रभाव खोने का डर है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम भारत को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकता है, लेकिन अल्पकालिक नुकसान अवश्यंभावी है।

भारतीय वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) ने इस रद्दीकरण को “एकतरफा निर्णय” करार दिया और कहा कि भारत अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करेगा। विदेश मंत्री (Foreign Minister) ने संकेत दिया कि भारत अन्य देशों (Other Countries) जैसे जापान (India Japan Trade Agreements) और ऑस्ट्रेलिया (India Australia Trade Agreements) के साथ व्यापार समझौते (Trade Agreements) पर ध्यान देगा। इसके अलावा, भारत ने अमेरिकी टैरिफ (US Tariffs) पर WTO में शिकायत (WTO Complaint) दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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