India US Trade Deal अंतिम चरण में, नरम पड़े Trump?

India US Trade Deal Final Round Meeting: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चली आ रही ट्रेड डील (India USA Trade Deal) पर अब तेजी आ गई है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि 16 सितंबर को दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक होगी, जिसमें छठे दौर की बातचीत की तारीख तय की जाएगी। यह बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ (50% US Tariff On India) के बाद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जो रूस से तेल खरीद (Russian Oil Imports) के कारण लगाया गया था। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि नवंबर 2025 तक बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (Bilateral Trade Agreement, BTA) को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। दोनों देशों का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार (India US Bilateral Trade) को 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है।

भारत अमेरिका की ट्रेड डील अंतिम चरण में

अप्रैल 2025 से शुरू हुई बातचीत के पांच दौर हो चुके हैं, लेकिन 25-29 अगस्त के बीच प्रस्तावित छठा दौर टल गया था। कारण था ट्रम्प प्रशासन का भारत पर 50% टैरिफ लगाना, जो रूस से तेल आयात के लिए दंडात्मक (Punitive Tariff On India) था। अब 16 सितंबर की बैठक में अमेरिकी असिस्टेंट ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच (Brendan Lynch) के नेतृत्व में एक डेलीगेशन भारत आएगा। भारत की ओर से कॉमर्स डिपार्टमेंट में स्पेशल सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल (Rajesh Agrawal) की अगुवाई में टीम बातचीत करेगी। गोयल ने एक वैश्विक निवेशक सम्मेलन (Global Investor Summit) में कहा, “हमें विश्वास है कि नवंबर तक डील फाइनल हो जाएगी।” अप्रैल-जुलाई 2025 में भारत का अमेरिका को निर्यात 21.64% बढ़कर 33.53 अरब डॉलर और आयात 12.33% बढ़कर 17.41 अरब डॉलर रहा, जो ट्रेड बैलेंस में सुधार दर्शाता है।

ट्रम्प ने जुलाई 2025 में भारत पर 25% पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) लगाया, जो 7 अगस्त से लागू हुआ। इसके बाद 6 अगस्त को रूस से तेल खरीद के लिए अतिरिक्त 25% सेकेंडरी टैरिफ लगाया गया, जो 27 अगस्त से प्रभावी हुआ। कुल 50% टैरिफ ने भारत के $86 बिलियन के अमेरिकी निर्यात (US Exports) को प्रभावित किया, खासकर कपड़ा, रत्न-आभूषण , और फार्मास्यूटिकल् को। ट्रम्प ने कहा, “भारत हमसे ज्यादा बेचता है, लेकिन हम उनसे कम। यह एकतरफा रिश्ता दशकों से चला आ रहा है।” भारत ने इसे “अनुचित” बताया और जवाबी कार्रवाई का संकेत दिया।

डेयरी मार्केट खोलने पर विवाद

अमेरिका भारत से डेयरी मार्केट (US Dairy Market In India) को पूरी तरह खोलने की मांग कर रहा है, ताकि अमेरिकी उत्पाद जैसे दूध, पनीर, और घी का आयात हो सके। भारत, दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक चिंतित है कि इससे स्थानीय किसान प्रभावित होंगे। इसके अलावा, अमेरिका में गायों के खाने में जानवरों की हड्डियों से बने एंजाइम का उपयोग होता है, जिसे भारत “नॉन-वेज मिल्क” मानता है, जो धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। गोयल ने कहा, “हम अपने किसानों और धार्मिक मूल्यों की रक्षा करेंगे।”

यूएस इंडिया ट्रेड डील से किसे फायदा

डील से दोनों देशों को लाभ होगा। भारत का अमेरिका को निर्यात बढ़ेगा, और अमेरिका को भारतीय बाजार मिलेगा। लक्ष्य 2030 तक व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाना है। यह डील भारत की अर्थव्यवस्था को बूस्ट देगी और रोजगार बढ़ाएगी। ट्रम्प ने कहा, “मुझे विश्वास है कि वॉशिंगटन और दिल्ली के बीच बातचीत जल्द बेहतर नतीजे पर पहुंचेगी।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *