India-UK Free Trade Deal : ब्रिटेन के साथ डील पक्की, जानिए FTA समझौते से क्या-क्या सस्ता होगा?

India-UK Free Trade Deal : आज भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर अंतिम रूप से हस्ताक्षर हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते पर मुहर लगा दी है। इस समझौते का इसका सीधा असर यह होगा कि दोनों देशों के बीच व्यापार और वस्तुओं का लेन-देन पहले से अधिक आसान, सस्ता और तेज़ हो जाएगा। 

ब्रिटेन में सस्ती बिकेंगे भारतीय उत्पाद 

भारत और ब्रिटेन के बीच एफटीए समझौते के लागू होने के बाद भारतीय उत्पादों की कीमतें ब्रिटेन में कम हो जाएंगी। वहीं भारत से होने वाले निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी। दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं और विशेषज्ञों ने इस ऐतिहासिक समझौते का स्वागत किया है। 

पीएम मोदी ने कहा – भारत के लिए लाभकारी है यह डील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेस वार्ता के दौरान इस आयोजन का आभार व्यक्त किया और द्विपक्षीय वार्ता में हस्ताक्षरित इस फ्री ट्रेड डील की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह कदम हमारे उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे कपड़े और जूतों की कीमतें घटेंगी। साथ ही, भारत के सी फूड को ब्रिटेन की बाजार में नए अवसर प्राप्त होंगे। यह समझौता भारत के हर वर्ग के लिए लाभकारी है और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। इसके साथ ही, भारत में निवेश भी बढ़ेगा और यह वैश्विक स्थिरता में योगदान करेगा। अब ब्रिटेन से आने वाले उत्पाद सस्ते मिलेंगे। 

डील के बाद क्या-क्या सामान सस्ता होगा 

भारत- ब्रिटेन के बीच इस समझौते के बाद चमड़ा, जूते, ऑटो पार्ट्स, सी फूड, खिलौने और परिधान जैसे उत्पादों को कम टैरिफ पर ब्रिटेन भेजा जा सकेगा, जिससे ब्रिटेन के उपभोक्ताओं को ये वस्तुएं सस्ती मिलेंगी। इसके साथ ही, ब्रिटेन से आने वाले सामानों पर भी आयात शुल्क कम हो जाएगा, जिससे भारतीय ग्राहकों को सस्ता सामान उपलब्ध होगा।  

ये उत्पाद होंगे सस्ते 

  • व्हिस्की
  • चॉकलेट और बिस्किट
  • सालमन फिश
  • कॉस्मेटिक्स
  • मेडिकल उपकरण
  • लग्जरी कारें
  • भारतीय टेक्सटाइल उत्पादों पर शून्य टैरिफ

भारतीय टेक्सटाइल उत्पादों पर हटाएगा ब्रिटेन 12% शुल्क

बता दें कि मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) के तहत, भारतीय टेक्सटाइल उत्पादों पर ब्रिटेन 12% का शुल्क हटा देगा।वहीं इंजीनियरिंग सामान पर लगने वाला 18% शुल्क भी पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। इससे भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।

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