India Russia Oil Import: अमेरिका द्वारा रस से कच्चा तेल खरीदने पर देश पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी देने के बाद दुनिया भर में एक हड़कंप सा मच गया है इस फैसले का सबसे बड़ा असर भारत पर ही पड़ेगा क्योंकि India Russia oil import हाल ही के वर्षों में बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है और अब रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्ति देश बन चुका है।

भारत 35% तेल का हिस्सा करता है रूस से आयात
भारत अपने तेल की जरूरत का लगभग 35% हिस्सा रूप से प्राप्त करता है रस से मिलने वाला सस्ता तेल भारत के लिए आर्थिक दृष्टि से काफी लाभकारी है लेकिन अब अमेरिका के कड़े रुख के कारण India Russia oil import पर संकट के बादल आ गए हैं।
किसी भी संकट से निपटने के लिए भारत सरकार है तैयार
हालांकि हाल ही में भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी प्रकार के संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा है, अगर russia से तेल की आपूर्ति बंद भी होती है, तो हमारे पास कई प्रकार के अन्य स्रोत उपलब्ध हैं। भारत और अमेरिका, सऊदी अरब, ब्राजील और कनाडा जैसे देश के साथ भी तेल का आयात कर रहा है।
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भारत को कच्चा तेल महंगा पड़ेगा
कई प्रकार की विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि रूस से तेल आयात न करने पर भारत को कच्चा तेल खरीदना थोड़ा महंगा पड़ सकता है जहां रस का तेल 5 से 6 डॉलर प्रति बैरल की छूत में मिलता है वहीं अन्य स्रोतों से आने वाला तेल तुलनात्मक रूप से काफी महंगा है। इससे देश में पेट्रोलियम और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी के अनुमान है।
भारत के पास ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत
हमारे भारत ने बीते कुछ वर्षों में अपने strategic oil reserves को काफी मजबूत किया है ताकि आपातकाल की स्थिति में उसका सही प्रकार से उपयोग किया जा सके इसके साथ-साथ भारत ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत जैसे सौर ऊर्जा, बायोफ्यूल ऊर्जा आदि पर भी तेजी से कम कर रहा है।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि अब अमेरिका का दबाव India Russia oil import को चुनौतीपूर्ण कर सकता है। क्योंकि भारत ने ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक बहुत स्तरीय रणनीति पहले से तैयार रखी है जिसका आने वाले समय में भारत को फायदा मिलेगा।