India Retail Inflation: नवंबर में हल्की बढ़त, फिर भी रिकॉर्ड निचले स्तर के करीब जानिए पूरी कहानी

खुदरा बाजार में सब्जी और रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदते उपभोक्ता, साथ में महंगाई दर दर्शाता ग्राफ

India Retail Inflation : भारत में नवंबर 2025 का महंगाई डेटा आ चुका है और इस बार का आंकड़ा भले ही थोड़ा बढ़ा हो, लेकिन यह अब भी बेहद कम है। उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात यह है कि खाने-पीने की चीज़ों की कीमतें अभी भी नियंत्रण में देखी गई हैं। आइए पूरी रिपोर्ट को आसान भाषा में समझते हैं।

नवंबर में Retail Inflation में मामूली बढ़त

अक्टूबर 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति यानी Retail Inflation 0.25% के रिकॉर्ड निचले स्तर पर थी। नवंबर में यह बढ़कर 0.71% हो गई। हालांकि इसमें बढ़त तो दिख रही है, लेकिन यह अब भी जनवरी के बाद का दूसरा सबसे कम स्तर है। जिसका मतलब महंगाई नियंत्रण में है और बाज़ार अभी भी स्थिर माहौल में चल रहा है।

खाद्य मुद्रास्फीति: अब भी राहत देने वाली

खाद्य मुद्रास्फीति 6 महीनों से लगातार नकारात्मक सी बनी हुई है। इसका संकेत यह है कि खाने-पीने की चीज़ों के दाम पिछले साल की तुलना में अभी भी बहुत कम हैं।

अक्टूबर में खाद्य मुद्रास्फीति -5.02% जबकि नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति 3.91% था। हालांकि गिरावट की गति थोड़ी कम हुई है, लेकिन कीमतें अभी भी ज्यादा नहीं बढ़ीं है। यह उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है।

India Retail Inflation: Slight increase in November, still near record low, know the full story

महंगाई क्यों बढ़ी? मुख्य कारण

नवंबर में Retail Inflation के हल्का बढ़ने के पीछे कुछ वस्तुओं की बढ़ी कीमतें जिम्मेदार रहीं है जैसे सब्जियाँ, अंडे व नॉन-वेज आइटम, मसाला, बिजली व ईंधन आदि इन कैटेगरीज में कीमतों की तेजी ने कुल मुद्रास्फीति को थोड़ा ऊपर खींचा है।

अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर?

RBI का लक्ष्य रेंज, केंद्रीय बैंक RBI की लक्ष्य सीमा 2% से 6% तक है, जबकि नवंबर का Retail Inflation इससे बहुत नीचे 0.71% पर है। यह दर्शाता है कि महंगाई फिलहाल अभी खतरे के स्तर पर नहीं है।

दूसरा ब्याज दरों में बदलाव की संभावना, कम मुद्रास्फीति से RBI के लिए ब्याज दरें कम रखने या कुछ समय बाद और कटौती करने की गुंजाइश और बढ़ती है। इससे लोन, निवेश और आर्थिक गतिविधियों पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।

कोर महंगाई का स्तर जैसे ईंधन व खाद्य पदार्थों को हटाकर देखी जाने वाली कोर मुद्रास्फीति भी स्थिर दिखाई दे रही है। यह संकेत देता है कि बाजार की मांग से जुड़ा दबाव कम है।

नवंबर का आंकड़ा क्या बताता है?

Retail Inflation में बढ़ोतरी बहुत हल्की और अपेक्षित हों गई है। खाने-पीने की चीज़ों की कीमतें अब भी कम हैं, जिससे उपभोक्ताओं को राहत है। भारत की आर्थिक स्थिरता अभी भी बरकरार दिखाई दे रही है। आने वाले महीनों में RBI की मौद्रिक नीति लचीली रह सकती है।

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