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भारत ने पाक नेताओं को चेतावनी दी: जीभ पर काबू रखें, फिर शुरू होगा?

India-Pakistan Tension: पिछले कुछ हफ्तों में भारत और पाकिस्तान (India-Pakistan Tension) के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है, और अब भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तानी नेताओं (MEA Warns Pakistani Leaders) को चेतावनी दी है कि वे अपनी जीभ पर काबू रखें। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पहले सेना प्रमुख जनरल असिम मुनीर (Asim Munir), फिर विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari), और अब प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने भारत के खिलाफ धमकियां दी हैं। भारत की ओर से यह कदम कूटनीतिक जवाब के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि क्या यह तनाव युद्ध (India Pakistan War) की ओर ले जाएगा?

India-Pakistan Conflict: असिम मुनीर ने अमेरिका में जामनगर रिफाइनरी (Asim Munir Jamnagar Refinery) को निशाना बनाने की धमकी दी, जिसे भारत ने “परमाणु तलवारबाजी” करार दिया। इसके बाद बिलावल भुट्टो ने आतंकवाद पर बातचीत की शर्तों को खारिज करते हुए भारत को चुनौती दी, और अब शाहबाज शरीफ ने दुषांबे सम्मेलन (Dushanbe Conference) में पानी के हथियार का मुद्दा उठाकर धमकी दी कि “शत्रु एक बूंद पानी नहीं छीन सकता।” इन बयानों ने भारत-पाक सीमा (India-Pakistan Border) पर तनाव को बढ़ा दिया है।

भारत का पाकिस्तान को जवाब:

भारत की ओर से विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तानी नेताओं को अपनी “असंवैधानिक और उकसाने वाली बयानबाजी” पर नियंत्रण रखना चाहिए। प्रवक्ता रंधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने कहा, “पाकिस्तान की यह आदत बार-बार भारत के खिलाफ जहर उगलने की है, लेकिन इसका जवाब हमने हमेशा सटीक कार्रवाई से दिया है।” भारत ने यह भी चेतावनी दी कि ऐसी धमकियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं और इसके परिणाम भुगतने होंगे।

क्या फिर शुरू होगा भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध

सवाल यह है कि क्या ये बयान भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से युद्ध (India Pakistan War) की शुरुआत का संकेत हैं? विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की आर्थिक कमजोरी और सैन्य अस्थिरता उसे ऐसे बयानों से ही मजबूती दिखाने की कोशिश कर रही है। भारत की ओर से 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2025 के ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदमों ने पाकिस्तान को सबक सिखाया है, लेकिन उसकी दोहराई जाने वाली भूल तनाव को बढ़ा रही है। हालांकि, भारत ने अभी तक सैन्य कार्रवाई की बात नहीं की, बल्कि कूटनीतिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय मंच पर शिकायत का रास्ता अपनाया है।

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