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Operation Sindoor: T-72 Tank की तैनाती, क्या फिर शुरू होगा अभियान?

T-72 Tank In LoC: जम्मू-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत T-72 मुख्य युद्धक टैंकों (T-72 Main Battle Tank) की तैनाती कर एक मजबूत रणनीतिक कदम उठाया है। 7 मई 2025 को शुरू हुआ यह ऑपरेशन, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास T-72 टैंकों को तैनात कर पाकिस्तानी सैन्य चौकियों और आतंकी घुसपैठ के रास्तों को नष्ट किया, जिससे भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को बल मिला। (India-Pakistan Conflict, Pahalgam Terror Attack)

T-72 टैंक की खासियत

T-72 Tank Features: T-72 टैंक, सोवियत मूल का एक मजबूत युद्धक टैंक है, जिसे भारत में चेन्नई के हैवी व्हीकल्स फैक्ट्री में बनाया जाता है। यह 44,500 किलोग्राम वजनी टैंक 125 मिमी की मुख्य तोप, 7.62 मिमी कोएक्सियल मशीन गन, और 12.7 मिमी हैवी मशीन गन से लैस है। इसकी 4000 मीटर रेंज तक मिसाइल दागने की क्षमता और 780 हॉर्सपावर का इंजन इसे युद्धक्षेत्र में घातक बनाता है। 200 मिमी की कवच परत और विस्फोटक रिएक्टिव आर्मर (ERA) इसे दुश्मन के हमलों से सुरक्षित रखता है। भारतीय सेना के पास लगभग 2,500 T-72 टैंक हैं, जो इसके टैंक बेड़े की रीढ़ हैं। यह टैंक वैश्विक स्तर पर कई युद्धों में अपनी प्रभावशीलता साबित कर चुका है।

कहां और क्यों तैनात किए गए?

Jammu-Kashmir T-72 Deployment: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान T-72 टैंकों को जम्मू-कश्मीर के अखनूर, पुंछ, राजौरी, कुपवाड़ा, और तंगधार जैसे क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा के पास तैनात किया गया। इन टैंकों का मुख्य उद्देश्य आतंकी घुसपैठ के रास्तों को सील करना और पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को नष्ट करना था। 7 मई को भारतीय सेना ने इन टैंकों की मदद से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। पुंछ ब्रिगेड कमांडर ब्रिगेडियर मुदित महाजन ने कहा, “T-72 टैंक हमारी रणनीति का अभिन्न हिस्सा थे। अगर दोबारा चुनौती दी गई, तो हम आग और देश के संकल्प से जवाब देंगे।” टैंकों के साथ-साथ BMP-2 बख्तरबंद वाहनों ने भी घुसपैठ को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

T-72 टैंकों की तैनाती ने न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को भी नाकाम किया। 8-9 मई को पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमले किए, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली और T-72 टैंकों की तैनाती ने इन हमलों को विफल कर दिया। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तैनाती ने भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक लचीलापन को दर्शाया। 10 मई को अमेरिका की मध्यस्थता से सीजफायर हुआ, लेकिन भारतीय सेना ने T-72 टैंकों को LoC पर तैनात रखा है, जो सतर्कता और तत्परता का प्रतीक है। (, Strategic Deployment)

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