India on Trump Tariff : क्या ट्रंप से डरकर भारत ने बदला रुख, रूस से तेल खरीदना किया बंद 

India on Trump Tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस और भारत के अपना रुख साफ कर दिया है, कि अब अमेरिका को दोनों देशों के साथ कोई हमदर्दी नहीं है चाहे इनकी अर्थव्यवस्था टूट क्यों न जाए। ट्रंप का कहना है कि इन दोनों देशों ने उनकी बात नहीं मानी। रूस ने ट्रंप के कहने पर युद्ध बंद नहीं किया और भारत ने रूस को तेल बेचकर ट्रंप को नाराज कर दिया। जिसके बाद ट्रम्प ने भारत और रूस पर 25% टैरिफ़ लगा दिया। यह भारत के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। ट्रंप के इस फैसले के महज कुछ घंटे बाद ही भारत ने रूस से तेल की खरीद पर रोक लगा दी है। 

ट्रंप से डरकर भारतीय तेल कंपनियों ने रूस को कहा- ना 

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। समुद्री रास्ते से रूस से आने वाले तेल का भारत सबसे बड़ा खरीदार है। भारत में रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी जैसी निजी रिफाइनरी कंपनियाँ रूस से सबसे ज़्यादा तेल खरीदती हैं। हालाँकि, भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता का 60% से ज़्यादा हिस्सा सरकारी रिफाइनरी कंपनियों के पास है। भारत में हर दिन लगभग 5.2 मिलियन बैरल तेल रिफाइन किया जाता है।

मगर, ट्रंप की टैरिफ़ धमकी से भारत की सरकारी तेल रिफाइनरी कंपनियों ने डरकर कुछ समय के लिए रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है। इसके पीछे मुख्य वजह तेल पर मिलने वाली छूट में कमी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी को माना जा रहा है। ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर कार्रवाई करने की बात कही थी।

एक हफ्ते से भारतीय कंपनियों ने रूस से नहीं खरीदा तेल 

रॉयटर्स के अनुसार, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) और मैंगलोर रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL) जैसी सरकारी रिफाइनरी कंपनियों ने पिछले एक हफ्ते से रूस से कोई तेल नहीं खरीदा है। सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि इन कंपनियों ने अपनी तेल खरीदने की योजना बदल दी है।

भारतीय कंपनियां स्पॉट मार्केट से खरीद रहीं तेल 

बता दें कि भारत की चारों सरकारी रिफाइनरी कंपनियां आमतौर पर रूस से तेल खरीदती थीं। अब ये कंपनियाँ स्पॉट मार्केट से तेल खरीद रही हैं। स्पॉट मार्केट का मतलब है हाजिर बाजार, जहाँ तुरंत डिलीवरी के लिए तेल खरीदा जाता है। ये कंपनियाँ मुख्य रूप से मध्य पूर्व के देशों, जैसे अबू धाबी से मुरबान क्रूड और पश्चिम अफ्रीकी देशों से तेल खरीद रही हैं।

ट्रंप ने लगाया भारत पर 25% टैरिफ

भारत के तेल रिफाइनरी उद्योग में इस समय काफी उथल-पुथल है, जिसकी वजह ट्रंप का एक बड़ा फैसला है। ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ (आयात शुल्क) लगा दिया है। ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदकर एक तरह से रूस का समर्थन कर रहा है, और इसी कारण उन्होंने भारत पर जुर्माना भी लगाया है। यह नया टैरिफ 1 अगस्त से लागू होगा।

अब भारतीय कंपनियों ने चुना दूसरा रास्ता 

ब्लूमबर्ग के अनुसार, एक बड़ी भारतीय तेल रिफाइनरी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनकी कंपनी अब मध्य पूर्व और अफ्रीका से ज़्यादा कच्चा तेल खरीदने की कोशिश करेगी। साथ ही, वे सरकार से भी सलाह लेंगे कि उन्हें आगे क्या करना चाहिए। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर यह बात कही क्योंकि मामला संवेदनशील है। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति पूरी तरह से अप्रत्याशित नहीं थी, लेकिन इससे लागत बढ़ेगी और मुनाफा कम होगा।

यह भी पढ़े : Malegaon Blast Case : मालेगांव केस ने दी BJP के ऑपरेशन सिंदूर को मजबूती, बिहार में ‘हिन्दू आतंकवाद’ बनेगा मास्टर स्ट्रोक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *