हाल ही में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने बताया है कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है
भारत में तेल की मांग आने वाले सालों में तेजी से बढ़ेगी। दुनिया में किसी दूसरे देशों के मुकाबले भारत में खपत ज्यादा होगी। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने बताया है कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक ( oil importer )_है। इस दशक के उत्तरार्ध में वैश्विक तेल मांग में अग्रणी बनेगा।
अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक
एजेंसी ने अपनी जारी रिपोर्ट में कहा कि 2023 और 2030 के बीच खपत में 13 लाख बैरल की खपत बढेगी। ‘ऑयल 2024 रिपोर्ट’ में बताया गया है कि 2023 और 2030 के बीच भारत की तेल मांग सबसे ज्यादा होगी। केवल चीन के अलावा किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक होगी।
13 लाख बीपीडी की वृद्धि होगी
कच्चे तेल की मांग में भारत 2023 में 54 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से बढ़कर 2030 तक 67 लाख बीपीडी तक जाने की उम्मीद है। ऐसे में यह 3.2 प्रतिशत या 13 लाख बीपीडी की वृद्धि होगी। रिपोर्टे में बताया गया है कि वैश्विक संदर्भ में 13 लाख बीपीडी से अधिक की वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान सड़क परिवहन ईंधन की बढ़त होगी। इसके कारण पेट्रोरसायन फीडस्टॉक्स का अपेक्षाकृत कम योगदान हो जाएगा। जिससे अंतर्निहित वृद्धि स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों से काफी आगे जाएगी।
बढ़ोत्तरी की मुख्य वजह तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
आईईए ने विश्व के लिए पूर्वानुमान लगाया है कि तेल की मांग 2029 तक टॉप पर होगी। जिससे अगले वर्ष इसमें कमी आनी शुरू हो जाएगी। इंडिया में तेल की मांग में बढ़ोत्तरी की मुख्य वजह तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। गौरतलब हो कि भारत 2024 में लगातार तीसरे वर्ष दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बनने को तैयार है।