जर्मनी से 70 हजार करोड़ में 6 सबमरीन खरीद रहा भारत

रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने 70,000 करोड़ रुपये की सबमरीन डील (Submarine Deal) को मंजूरी दी है, जिसमें भारतीय नेवी (Indian Navy) को जर्मन कंपनी थायसेनक्रुप मैरीन सिस्टम्स (ThyssenKrupp Marine Systems, TKMS) के साथ सहयोग में छह एडवांस्ड सबमरीन मिलेंगी। यह डील प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत है, और इसका उद्देश्य भारतीय नेवी को रीजनल सिक्योरिटी में बढ़त देना है। आइए, समझते हैं कि क्या है यह डील, और क्यों है यह महत्वपूर्ण?

रक्षा मंत्रालय ने 22 अगस्त 2025 को 70,000 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी (Approval) दी, जिसमें मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (Mazagon Dock Shipbuilders Limited, MDL) जर्मन कंपनी थायसेनक्रुप मैरीन सिस्टम्स (TKMS) के साथ सहयोग में छह सबमरीन बनाएगी।

यह सबमरीन एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (Air Independent Propulsion, AIP) टेक्नोलॉजी से लैस होंगी, जो उन्हें लंबे समय तक पानी के नीचे रहने की क्षमता देगी। AIP टेक्नोलॉजी सबमरीन को ज्यादा प्रभावी और stealthy (छुपा हुआ) बनाती है। सबमरीन की डिलीवरी 2030 से शुरू होगी, और यह प्रोजेक्ट 2035 तक पूरा होगा।

70,000 करोड़ रुपये की सबमरीन डील भारतीय नेवी को नया युग ला सकती है, जहां रक्षा और अटैक दोनों मजबूत होंगे। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि यह प्रोजेक्ट कितना सफल होता है, और इसका क्या असर होगा।

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