भारत सरकार ने विदेशों में छिपे खालिस्तानी आतंकियों पर कसा शिकंजा, अमेरिका, कनाडा और यूरोप को सौंपी प्रत्यर्पण सूची

Khalistani terrorists, extradition list: भारत सरकार ने खालिस्तानी आतंकियों और उनसे जुड़े गैंगस्टरों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई तेज कर दी है। खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर विदेश मंत्रालय (MEA) ने अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और कुछ यूरोपीय देशों को एक सूची सौंपी है, जिसमें भारत के कई वांछित खालिस्तानी आतंकियों के नाम शामिल हैं, जो नकली पासपोर्ट और फर्जी पहचान पत्रों का उपयोग कर इन देशों में छिपे हैं।

सूत्रों के अनुसार, इस सूची (NIA most wanted) में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (Babbar Khalsa, BKI) और खालिस्तान टाइगर फोर्स (Khalistan Tiger Force, KTF) जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े आतंकियों के नाम हैं। इनमें पंजाब के गैंगस्टर से आतंकी बने पवित्तर सिंह बटाला और लखबीर सिंह लांडा जैसे नाम शामिल हैं, जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की मोस्ट वांटेड सूची में हैं। ये आतंकी भारत में हत्या, उगाही, हथियार तस्करी और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।

हाल ही में, अमेरिका में FBI ने 11 जुलाई 2025 को एक बड़ी कार्रवाई में आठ खालिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया, जिनमें बटाला भी शामिल था। यह कार्रवाई सैन जोकिन काउंटी में अपहरण और यातना से जुड़े एक मामले में की गई। भारत अब इन आतंकियों के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी प्रक्रिया तेज करने की तैयारी में है।

कनाडा में भी भारत ने खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डाला के प्रत्यर्पण की मांग की है, जो KTF का वर्तमान प्रमुख है। डाला, जो 2020 में पंजाब से कनाडा भागा था, ने हिंदू युवक की दिल्ली में सिर काटने और पंजाब में कांग्रेस नेता बलजिंदर सिंह बल्ली की हत्या जैसे जघन्य अपराधों की जिम्मेदारी ली है। कनाडा ने पहले उसकी गिरफ्तारी के अनुरोध को ठुकरा दिया था, लेकिन अक्टूबर 2024 में एक गोलीबारी के बाद उसकी गिरफ्तारी ने भारत की मांग को बल दिया है।

भारत ने कनाडा से 26 प्रत्यर्पण अनुरोध भेजे हैं, जिनमें से केवल पांच का समाधान हुआ है। कनाडा में खालिस्तानी तत्वों को मिलने वाली कथित नरम नीति ने भारत-कनाडा संबंधों में तनाव पैदा किया है, खासकर हर्दीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद, जिसे कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत से जोड़ा था। भारत ने इन आरोपों को “निराधार” बताकर खारिज किया है।

विदेश मंत्रालय ने इन आतंकियों के ठिकानों, वित्तीय लेनदेन और संपत्तियों की जानकारी के लिए म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (MLAT) के तहत अनुरोध भेजे हैं। भारत ने सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) जैसे संगठनों पर भी नकेल कसी है, जो कनाडा और अमेरिका से भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। SFJ के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून पर NIA ने 2020 में मामला दर्ज किया था।

पंजाब पुलिस और NIA ने डाला और लांडा जैसे आतंकियों के कई मॉड्यूल ध्वस्त किए हैं, जिनमें से कई में हथियार, IED और ग्रेनेड बरामद हुए। इन आतंकियों को पाकिस्तान की ISI का समर्थन प्राप्त है, जो ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार और ड्रग्स की तस्करी करवाती है। यह कार्रवाई भारत की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम खालिस्तानी नेटवर्क को कमजोर करने और भारत की संप्रभुता की रक्षा करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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