India Growth Rate: विश्व में तेजी से तरक्की कर रहा है ‘भारत’ ~डॉक्टर रामानुज पाठक

'India' is progressing rapidly in the world

India Growth Rate | आर्टिकल: डॉ.रामानुज पाठक, सतना क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सातवां बड़ा देश, जनसांख्यिकी की दृष्टि से लगभग प्रथम देश,हर छठवां विश्व नागरिक भारतीय,औसत आयु में सबसे युवा देश और लगभग दो से ढाई दशक तक सबसे युवा देश बन रहने के अंदेशे के साथ तेजी से बढ़ती कुलांचें मारती अर्थव्यवस्था वाला देश ,विश्व की सबसे बड़ी मानव पूंजी वाला देश भारत विश्व में तेजी से तरक्की करता हुआ विकसित देश बनने की दिशा में रफ्तार पकड़ चुका है। 2047 तक जब आजादी की स्वर्णजयंती मनाई जाएगी तब भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन चुका होगा।औरये यूं ही हवा हवाई बातें नहीं बल्कि इसके कई सटीक कारण हैं,जैसे: भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और यह तेजी से बढ़ रही है तथा 2047तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।

भारत में तकनीकी क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रही है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था और शिक्षा में सुधार हो रहा है। भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हो रहा है, जिससे देश के युवाओं को बेहतर अवसर मिल रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो रहा है, जिससे देश की जनसंख्या का स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है।भारत में आधारभूत ढांचे में सुधार हो रहा है, जिससे देश के विकास में तेजी आ रही है। भारत में विदेशी निवेश में वृद्धि हो रही है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है।

भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है, जिससे देश के युवाओं को नए अवसर मिल रहे हैं।भारत में डिजिटल इंडिया अभियान के तहत देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।इन सभी कारकों के संयोजन से भारत विश्व में तेजी से तरक्की कर रहा है।भारत का आर्थिक विकास विश्व में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। विश्व बैंक की रपट के अनुसार, भारत की आर्थिक विकास दर 2047 तक उच्च मध्य आय के दर्जे तक पहुंचने की आकांक्षा के साथ आगे बढ़ रही है।

भारत की आर्थिक विकास दर विश्व में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है, जो 2023-24 में 8.2 फीसद की तीव्र गति से विकसित हुआ है । बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश से विकास को गति मिली है ।रियल एस्टेट में बढ़ते घरेलू निवेश से विकास को गति मिली है ।कृषि क्षेत्र में कम प्रदर्शन के बावजूद उत्पादन क्षेत्र में 9.9 फीसद की वृद्धि हुई है।सेवाओं के क्षेत्र में स्थिरता बनी रही है ।भारत की तकनीकी प्रगति विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान पर है। भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जैसे कि अंतरिक्ष अनुसंधान, सॉफ्टवेयर विकास, और आईटी सेवाओं में अग्रणी भूमिका। भारत सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं के लिए एक प्रमुख गंतव्य है, जिसमें कई वैश्विक कंपनियां अपने ऑपरेशन्स के लिए भारत को चुनती हैं ।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कई सफल लॉन्च किए हैं और मंगल और चंद्रमा पर मिशन भेजे हैं ।भारत में डिजिटल भुगतान की व्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, जिसमें यूपीआई (यूपीआई) जैसी तकनीकें प्रमुख भूमिका निभा रही हैं ।भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें कई यूनिकॉर्न कंपनियां हैं जिनका मूल्यांकन अरबों डॉलर में है । इन सभी क्षेत्रों में भारत की तकनीकी प्रगति ने देश को विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है और इसकी आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।भारत में शिक्षा में तेजी से सुधार हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। सर्व शिक्षा अभियान (एस एस ए) के तहत प्राथमिक शिक्षा में पहुंच बढ़ी है।प्राथमिक शिक्षा में नामांकन दर में वृद्धि हुई है। शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।माध्यमिक शिक्षा में नामांकन दर में वृद्धि हुई है। विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया गया है।विद्यार्थियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।उच्च शिक्षा में नामांकन दर में वृद्धि हुई है।

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शोध और विकास के लिए सुविधाएं बढ़ाई गई हैं।ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ई-लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म विकसित किए गए हैं। विद्यार्थियों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जा रहे हैं।शिक्षकों को डिजिटल शिक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।नई शिक्षा नीति (2020) के तहत शिक्षा में सुधार के लिए कई योजनाएँ बनाई गई हैं।शिक्षा में सुधार के लिए राष्ट्रीय शिक्षा आयोग (एनईसी) का गठन किया गया है।शिक्षा में सुधार के लिए कई राज्यों में शिक्षा सुधार योजनाएँ बनाई गई हैं।

इन सभी प्रयासों से भारत में शिक्षा में तेजी से सुधार हो रहा है, जिससे देश के युवाओं को बेहतर भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है।भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है, जिससे देश की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के उद्देश्य को पूरा करने के लिए भारत सहित सभी संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश सहमत हुए हैं, जो कि सतत विकास लक्ष्यों के रूप में होगा ।सरकार ने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। सरकार ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में वृद्धि के लिए कई कदम उठाए हैं।

सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में वृद्धि के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।सरकार ने स्वास्थ्य शिक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं।इन सभी प्रयासों से भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है, जिससे देश की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।भारत में आधारभूत ढांचे में तेजी से सुधार हो रहा है, जिससे देश की आर्थिक विकास और जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। सड़कें और राजमार्ग: भारत में सड़कों और राजमार्गों का निर्माण तेजी से हो रहा है, जिससे परिवहन में सुधार हो रहा है। रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए कई परियोजनाएं चल रही हैं। भारत में विमानपत्तनों का विकास और आधुनिकीकरण किया जा रहा है। भारत के बंदरगाहों का विकास और आधुनिकीकरण किया जा रहा है। भारत में ऊर्जा क्षेत्र में सुधार हो रहा है, जिसमें सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा पर ध्यान दिया जा रहा है। भारत में जल संसाधनों के विकास और प्रबंधन में सुधार हो रहा है।

भारत के शहरों में विकास और आधुनिकीकरण के लिए कई परियोजनाएं चल रही हैं। भारत में डिजिटल ढांचे का विकास हो रहा है, जिसमें इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी पर ध्यान दिया जा रहा है।इन सभी क्षेत्रों में सुधार से भारत की आर्थिक विकास और जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।भारत में विदेशी निवेश तेजी से बढ़ रहा है, जो देश की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का सबसे अधिक वार्षिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल किया, जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे अधिक है ।भारत में एफडीआई में पिछले 20 वर्षों में 20 गुना वृद्धि हुई है, जो देश को एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करती है। विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी में 76 फीसद की वृद्धि हुई है, जो देश के विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि की संभावनाओं को दर्शाती है ।

कंप्यूटर और हार्डवेयर केक्षेत्र में सबसे अधिक विदेशी निवेश हुआ है, जो देश के आईटी क्षेत्र में वृद्धि की संभावनाओं को दर्शाता है।ऑटोमोबाइल उद्योग के क्षेत्र में भी विदेशी निवेश में वृद्धि हुई है, जो देश के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में वृद्धि की संभावनाओं को दर्शाता है।सेवा क्षेत्रक्षेत्र में भी विदेशी निवेश में वृद्धि हुई है, जो देश के सेवा क्षेत्र में वृद्धि की संभावनाओं को दर्शाता है।इन सभी क्षेत्रों में विदेशी निवेश की वृद्धि से भारत की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान हो रहा है।

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम विश्व में तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम है, जिसमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न कंपनियां हैं। भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम की वृद्धि में कई कारक योगदान दे रहे हैं।भारत सरकार ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। भारत में स्टार्टअप में निवेश में वृद्धि हुई है, जिसमें वेंचर कैपिटल, प्राइवेट इक्विटी और एंजेल निवेश शामिल हैं। भारत में तकनीकी उन्नति ने स्टार्टअप को नए अवसर प्रदान किए हैं। भारत में युवा उद्यमिता की वृद्धि ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया है।


स्टार्टअप के प्रमुख क्षेत्र आईटी और सॉफ्टवेयर,ई-कॉमर्स,फिनटेक, ,हेल्थटेक,एजुकेशन टेक, स्वच्छ ऊर्जा(क्लीन एनर्जी)।भारत के प्रमुख स्टार्टअप हब के रूप में बैंगलोर,दिल्ली एनसीआर,मुंबई,हैदराबाद,चेन्नई जैसे महानगर विशेष क्षेत्र बन गए हैं।यद्यपि स्टार्टअप इकोसिस्टम में चुनौतियाँ भी अच्छी खासी हैं जैसे ;नियामक ढांचे में सुधार,निवेश में वृद्धि,तकनीकी उन्नति में निवेश,उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा आदि की दरकार स्टार्टअप इकोसिस्टम को है।

इन सभी कारकों के संयोजन से भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान पर है।भारत में डिजिटल इंडिया अभियान एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है। इसकी शुरुआत 1 जुलाई 2015 को हुई थी और इसका मुख्य ध्येयवाक्य है “पॉवर टू इंपावर “।डिजिटल इंडिया के तीन मुख्य घटक हैं:डिजिटल आधारभूत ढाँचे का निर्माण करना, इसमें ब्रॉडबैंड हाईवे, मोबाइल कनेक्टिविटी और पब्लिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम शामिल हैं।इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेवाओं को जनता तक पहुंचाना, इसमें ई-गवर्नेंस, ई-क्रांति और सभी के लिए सूचना शामिल हैं।डिजिटल साक्षरता, इसमें नौकरियों के लिए आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण शामिल हैं।

इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को उच्च गति का इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना भी है। डिजिटल इंडिया को कार्यान्वयित करने से पहले कई चुनौतियों को दूर करना होगा, जैसे कि लीगल फ्रेमवर्क, गोपनीयता का अभाव, डाटा सुरक्षा नियमों की कमी और नागरिक स्वायत्तता हनन ।डिजिटल इंडिया अभियान को समृद्ध बनाने वाले घटकों की विस्तृत जानकारी भी आवश्यक है,जैसे;ब्रॉडबैंड हाईवे, उच्च गति वाले इंटरनेट की सुविधा प्रदान करने के लिए ब्रॉडबैंड नेटवर्क का विस्तार,मोबाइल कनेक्टिविटी को हर गांव और शहर तक पहुंचाना,पब्लिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम,सार्वजनिक स्थानों पर इंटरनेट की सुविधा प्रदान करने के लिए,ई-गवर्नेंस, सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग, सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी के लिए ई-क्रांति,सूचना की पहुंच हर किसी तक पहुंचाने सभी के लिए सूचना, भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण,नौकरियों के लिए आईटी उद्योग में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सेवाओं को जल्दी अपनाने के लिए अर्ली हार्वेस्ट कार्यक्रम ,इन घटकों के माध्यम से डिजिटल इंडिया अभियान भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए काम कर रहा है। भारतीय ज्ञान परंपरा एक बार पुनः भारत को विश्व का सिरमौर बनाएगी और भारत विश्व में तेजी से तरक्की करते हुए इस दिशा में आगे बढ़ चुका है।

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