India Economy News: वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं मध्यम अवधि में मजबूत रहने का अनुमान जताते हुए गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023- 24 से लेकर 2025- 26 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद में सालाना 6-7.01% की वृद्धि होगी.
रेटिंग एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि स्वस्थ कॉर्पोरेट वही खातों और अन्य संरचनात्मक सुधार होने से बैंक का फसा कर्ज मार्च 2025 तक कुल अग्रिम के तीन- 3.5% तक घट जायेगा. इसके अलावा भारत में ब्याज दरों में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना नहीं होने से बैंकिंग उद्योग के लिए जोखिम भी सीमित होने का अनुमान जताया गया है. वैश्विक अनिश्चितताओं का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कम असर पड़ेगा. हालांकि धीमी वैश्विक वृद्धि और बाहरी मांग आर्थिक गतिविधियों पर असर डालेगी और मुद्रास्फीति को तेज कर सकती है. लेकिन भारत की वृद्धि घरेलू स्तर पर केंद्रित होने से उम्मीद है कि आर्थिक वृद्धि पर इसका कम असर होगा.
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों ने अपनी संपत्ति- गुणवत्ता चुनौतियों का बड़े पैमाने पर समाधान किया है.
महंगाई नम पर अभी लंबा सफर तय करना है बाकी
मौद्रिक नीति उपाय और आपूर्ति के मोर्चे पर हस्तक्षेप के कारण खुदरा मुद्रा स्थिति में कमी आयी है लेकिन हम अभी मुश्किलों से बाहर नहीं निकले हैं और अभी लंबा सफर तय करना बांकी है. भारतीय रिजर्व बैंक के गुरुवार को जारी नवंबर महीने के बुलेटिन में यह बात कही गई है. बुलेटिन में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक लेख में यह भी कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था चालू तिमाही में नरम पड़ने की संकेत दे रही है. मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में गिरावट आई है.
पुनर्जीवित किया जाएगा स्पेशल इकोनामिक जोन
सरकार स्पेशल इकोनामिक जोन में निर्मित उत्पादों की घरेलू बाजार में बिक्री के लिए एक लक्ष्मी रूपरेखा, अधिसूचना से बाहर करने के आसान ‘डी-नोटिफिकेशन’ मानदंड और इकाइयों के लिए अनुमोदन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने जैसे कई उपायों पर विचार कर रहा है.