Independence Day 2025 : भारत में हर साल 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय इतिहास का बहुत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन, पूरे देश में, घरों से लेकर बिजनेस जगहों तक, राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगा फहराया जाता है और राष्ट्रगान गर्व के साथ गाया जाता है। 15 अगस्त, 1947 को लगभग 200 साल के ब्रिटिश राज का अंत हुआ और भारत ने एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक देश के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। तब से, इस दिन को ध्वज फहराने, सांस्कृतिक कार्यक्रम और शहीदों को याद करके मनाया जाता है। मगर, क्या आप जानते हैं कि तिरंगा फहराने का भी नियम होता है, जो ध्वज संहिता में निहित है। आइये जानते हैं कि तिरंगा फहराने के नियम क्या हैं…
सूर्य के उगने और डूबने से तिरंगा का संबंध
भारत में तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है, जिसे स्वतंत्रता दिवस (15th August) और गणतंत्र दिवस (26th January) के दिन देश की गौरव गाथा को याद कर फाहराया जाता है। लेकिन तिरंगा फहराने का भी नियम है। राष्ट्रीय ध्वज सूरज उगने पर फहराया जाना चाहिए और सूर्य डूबने पर उतारा जाना चाहिए। लेकिन, 2022 के बदलाव के बाद, अब पर्याप्त रोशनी होने पर रात में भी ध्वज फहरा सकते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर, ध्वज को खास तौर पर खंभे से ऊपर फहराया जाता है, जो 1947 में अंग्रेजों के शासन पर भारत की जीत का प्रतीक है।

15 अगस्त को तिरंगा फहराने के तरीके
15 अगस्त को तिरंगे फहराने के कुछ खास नियम हैं, जो हर भारतीय को पता होने चाहिए।
- ध्वज को हमेशा तेज़ी से फहराना चाहिए और धीरे-धीरे नीचे लाना चाहिए।
- जब फहरा रहे हों, तो केसरिया हिस्सा ऊपर होना चाहिए।
- ध्वज को दिखाने में ध्यान देना चाहिए कि वह अच्छी, साफ और फटा या खराब न हो।
- ध्वज बनाते समय सूती, पॉलिएस्टर, ऊनी या रेशमी कपड़े का उपयोग कर सकते हैं।
- 2002 के नियम के अनुसार, ध्वज को हर दिन फहरा सकते हैं, चाहे रविवार हो या छुट्टी।
- रात में भी फहराया जा सकता है, अगर उस पर रोशनी हो और वह अच्छी तरह दिख रहा हो।
- आकार चाहे जो हो, लेकिन लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
- कार्यक्रम में, ध्वज का इस्तेमाल मूर्ति या स्मारक पर ढकने के लिए किया जा सकता है, लेकिन जमीन या फर्श पर नहीं लिटाना चाहिए।
- खराब या गंदा ध्वज जलाकर या सही तरीके से नष्ट करना चाहिए।
तिरंगा फहराने के समय न करें ये काम
- ध्वज का अपमान करने वाले तरीके से इस्तेमाल न करें, जैसे झुकाकर सलामी देना।
- उल्टा फहराना या ऐसा तरीका न अपनाएँ जो इसका अपमान हो।
- ध्वज को जमीन, पानी या फर्श को नहीं छूना चाहिए।
- व्यापार या प्रचार के लिए ध्वज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि केवल सम्मानजनक ही करें।
- ध्वज का इस्तेमाल किसी इमारत, वाहन या पर्दे के रूप में नहीं करना चाहिए।
- दूसरे ध्वज के नीचे या साथ में फहराना उचित नहीं है।
- ध्वज पर कोई लिखावट या चित्र नहीं होना चाहिए।
- इसका उपयोग कपड़े, वर्दी या अन्य वस्त्र के रूप में नहीं करना चाहिए, सिवाय सम्मान के प्रतीक के।
- जानबूझकर फाड़ना, जलाना या विकृत करना कानून के खिलाफ है।
- ध्वज को गंदा या खराब स्थिति में नहीं रखना चाहिए।
2002 में बना था तिरंगा के सम्मान में ये नियम
2002 के बदलाव के बाद, घर, दफ्तर या फैक्ट्री में भी ध्वज फहरा सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। नियम तोड़ने या ध्वज का अपमान करने पर सजा हो सकती है।