Amour Assembly Election : बिहार की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है। आगामी विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप से साफ़ देखी जा सकती है। राजनीतिक दल मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने कई नई योजनाओं की घोषणा की है, वहीं कुछ नए चेहरे भी इस चुनाव में मैदान में उतर रहे हैं। प्रशांत किशोर की नई पार्टी ‘जन सुराज’ और अरविंद केजरीवाल की ‘आम आदमी पार्टी’ (आप) भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमाती नज़र आएंगी, जिससे मुकाबला और भी दिलचस्प होने की उम्मीद है।
अमौर किशनगंज लोकसभा का हिस्सा है। Bihar Assembly Election
बिहार के पूर्णिया ज़िले की अमौर विधानसभा सीट की बात करें तो यह किशनगंज लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यह सीट 1951 में बनी थी और तब से यह एक नियमित चुनावी क्षेत्र बना हुआ है। इस सीट का राजनीतिक इतिहास उतार-चढ़ाव भरा रहा है, लेकिन यहाँ कांग्रेस पार्टी का दबदबा देखने को मिलता है, जिसने 8 बार जीत हासिल की है। वहीं, निर्दलीय उम्मीदवारों ने 4 बार, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने 2 बार, जबकि जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, भाजपा और एआईएमआईएम ने एक-एक बार जीत हासिल की है।
पिछले चुनाव के नतीजे क्या थे?
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अख्तरुल ईमान को 94,459 वोट मिले, जो कुल वोटों का 51.17% था। उन्होंने जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू उम्मीदवार सबा ज़फर को 52,515 वोटों के भारी अंतर से हराया। सबा ज़फर को 41,944 वोट मिले, जो कुल वोटों का 22.72% था। वहीं, इस चुनाव में तीसरे स्थान पर कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान रहे, जिन्हें 31,863 वोट मिले, जो कुल वोटों का 17.26% था। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में अमौर सीट पर एआईएमआईएम की जीत एक बड़ा उलटफेर साबित हुई, जिससे पारंपरिक रूप से कांग्रेस और जेडीयू जैसी पार्टियों का गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में कांग्रेस और जेडीयू जैसी पार्टियों का दबदबा और बढ़ गया।
11 उम्मीदवार मैदान में थे। Bihar Assembly Election
अख्तरुल ईमान – एआईएमआईएम – विजेता
सबा ज़फ़र – जेडीयू
अब्दुल जलील मस्तान – कांग्रेस
नंदलाल दास – बसपा
झलेश्वर कुमार गुप्ता – जनवादी क्रांति पार्टी
मतीउर्रहमान – जनता दल राष्ट्रवादी
मोहम्मद अख्तर हुसैन – जन विकास क्रांति पार्टी
गुलाम मोहम्मद – प्रजातांत्रिक पार्टी ऑफ इंडिया
मोहम्मद मज़हरुल बारी – निर्दलीय
मनोज कुमार निषाद – लोजपा
उपेंद्र यादव – एनसीपी
क्या है इस सीट का राजनीतिक समीकरण? Bihar Assembly Election
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के आंकड़ों के अनुसार, अमौर विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2,99,184 थी। इनमें 1,57,000 पुरुष मतदाता और 1,41,000 महिला मतदाता थीं।
अमौर विधानसभा सीट पूर्णिया जिले का एक हिस्सा है और इसका गठन 1951 में हुआ था। इस सीट पर लंबे समय से किसी एक पार्टी का एकतरफा दबदबा नहीं रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने यहाँ सबसे ज़्यादा बार जीत हासिल की है। कांग्रेस अब तक 8 बार अमौर सीट जीत चुकी है।
हम पिछले चुनावों पर भी एक नज़र डालेंगे।
2010 में सबा ज़फ़र ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर इस सीट पर पहली बार भाजपा का झंडा बुलंद किया था। वहीं, 2015 के चुनाव में कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान ने जीत हासिल की थी, जिन्होंने भाजपा की सबा ज़फ़र को हराया था। यह चुनाव सबसे ज़्यादा चर्चा में इसलिए रहा क्योंकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अख्तरुल ईमान ने इस सीट पर एकतरफा जीत हासिल की थी। उन्होंने जदयू की सबा जफर और कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान को भारी अंतर से हराया, जो इस सीट के पारंपरिक राजनीतिक समीकरणों में एक बड़ा बदलाव था।
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