Madhya Pradesh Growth Conclave 2025 Indore: इंदौर में आयोजित मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉनक्लेव 2025 में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस दौरान करोड़ों रुपये की उद्योग स्कीमों की शुरुआत की।इसके अंतर्गत सुबह “शहरी उत्कृष्टता के लिए आधुनिक तकनीक” (Integrating Technology for Urban Excellence) विषय पर सत्र आयोजित हुआ, जिसमें शहरी विकास में आधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), और क्वांटम तकनीकों के उपयोग पर विस्तृत चर्चा हुई।
Madhya Pradesh Growth Conclave 2025 News: इंदौर में मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉनक्लेव 2025 का आयोजन हुआ, जिसमें देशभर से एक हजार से अधिक उद्योगपति शामिल हुए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस दौरान करोड़ों रुपये की उद्योग स्कीमों की शुरुआत की।इसके अंतर्गत सुबह “शहरी उत्कृष्टता के लिए आधुनिक तकनीक” (Integrating Technology for Urban Excellence) विषय पर सत्र आयोजित हुआ, जिसमें शहरी विकास में आधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), और क्वांटम तकनीकों के उपयोग पर विस्तृत चर्चा हुई।
विनय ठाकुर, स्पेशल डायरेक्टर जनरल, BISAG-N, ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में उत्कृष्ट अवसंरचना के विकास के लिए आधुनिक तकनीकों का एकीकरण नागरिकों के हित में किया जाए। इसमें परिवहन सुविधा, स्मार्ट पुलिसिंग, जियो-टैगिंग के माध्यम से रेरा नियामकों की निगरानी, और AI टूल्स का प्रबंधन शामिल है।आर.के. मिश्रा, मैनेजिंग डायरेक्टर, NICSI, ने कहा कि भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत NICSI शहरी विकास के लिए विभिन्न कार्य कर रहा है।
कमलाकन्नन थीरुवादी, रीजनल एग्जीक्यूटिव, दक्षिण एशिया, बेंटली सिस्टम्स, ने कहा कि देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में ग्रोथ कॉनक्लेव का आयोजन सुखद है। उन्होंने डिजिटल ट्विन तकनीक पर जोर देते हुए कहा कि रियल-टाइम डेटा का उपयोग कर व्यवहार का अनुकरण और विश्लेषण कर कार्ययोजना बनाना आवश्यक है। इससे समस्याओं का समाधान रियल-टाइम डेटा विश्लेषण के आधार पर किया जा सकता है। मध्यप्रदेश में कई संगठन रियल-टाइम डेटा का उपयोग कर प्रबंधन कार्य कर रहे हैं, जो भविष्य के लिए लाभकारी होंगे।
आशीष प्रधान, सीटीओ, क्विक हिल, ने बताया कि तकनीक के उपयोग के साथ-साथ साइबर सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर मजबूत गवर्नेंस मॉडल विकसित करना आवश्यक है। इससे नागरिकों के डेटा और जानकारियों को सुरक्षित रखा जा सकता है, और साइबर युद्ध जैसी परिस्थितियों में भी सुरक्षित कार्य किया जा सकता है।शामिक जोशी, हेड, AMNEX, ने कहा कि शहरी विकास में कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण है। IoT के उपयोग से यातायात समस्याओं का समाधान, नागरिकों के दैनिक जीवन को सरल बनाना, और प्रशासनिक सुविधाएं बढ़ाना संभव है। उन्होंने मुंबई में सीमलेस टिकटिंग और बेंगलुरु में द्रुत मॉडल के उदाहरण दिए।
डॉ. अभय किम्मटकर, मैनेजिंग डायरेक्टर, cstechAI, ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में सामान्य सुविधाओं के लिए अवसंरचनात्मक विकास में तकनीक का समायोजन जरूरी है। इसके लिए 50 वर्ष बाद की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनानी चाहिए। उदाहरण के तौर पर, जल वितरण में सेंसर के उपयोग से पानी की शुद्धता और वितरण की निगरानी संभव है।प्रवीण दवे, सॉल्यूशन आर्किटेक्ट, गूगल क्लाउड इंडिया, ने सुझाव दिया कि शहरी विकास, नियोजन, और संपत्ति मूल्यांकन के लिए एकीकृत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाए। इससे डिजिटलीकरण में आसानी, त्वरित परिणाम, प्रशासन की क्षमता वृद्धि, और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
श्रीजीत नायर, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, PROTEAN, ने अनुमति-आधारित डिजिटल स्ट्रक्चर की वकालत की, ताकि नागरिकों को यह जानकारी हो कि उनका डेटा किसके साथ साझा हो रहा है। साथ ही, विभिन्न एप्लिकेशन पर फीडबैक लेकर शहरी प्रशासन में पारदर्शिता और समस्याओं के समाधान को आसान बनाया जा सकता है।सत्र में साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए क्वांटम टेक्नोलॉजी के उपयोग पर बल दिया गया। बताया गया कि क्वांटम टेक्नोलॉजी अगली पीढ़ी की तकनीक है, जिसके लिए भारत सरकार ने क्वांटम मिशन शुरू किया है। इसके माध्यम से डिजिटल डेटा की सुरक्षा और मजबूत सिस्टम बनाया जा सकता है।