SEBI New Rules: SEBI ने दो अहम निर्णय लिए हैं, फॉरेन इंवेस्टर्स के लिए इंवेस्टमेंट प्रक्रिया आसान की गई है, तो दूसरी तरफ बड़ी कंपनियों के IPO और न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों में राहत दी गई है.
फॉरेन इंवेस्टर्स के लिए Single Window Access
SEBI ने बोर्ड मीटिंग में Single Window Access Framework को मंजूरी दे दी है. दरअसल यह नियम भरोसेमंद फॉरेन इंवेस्टर्स के लिए तैयार किया गया है. इसके तहत विदेशी निवेशकों को अब अलग-अलग निवेश रूट जैसे FPI और FDI के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा.
क्या होगा फायदा?
यूनिफाइड रजिस्ट्रेशन सिस्टम से एक ही बार रजिस्ट्रेशन करके सभी रूट्स के तहत निवेश किया जा सकेगा. कॉम्प्लायंस और रेगुलेटरी क्लियरेंस की प्रक्रिया अब तेज और आसान होगी. Ease of Doing Business में सुधार होगा. इंवेस्टर्स के टाइम और कॉस्ट दोनों की बचत होगी. इसके अलावा विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे मार्केट लिक्विडिटी में सुधार हो सकता है. शॉर्ट-टर्म में शेयर बाजार पर सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है.
लॉन्ग-टर्म में विदेशी संस्थागत निवेशकों की भागीदारी बढ़ने से बाजार और स्थिर और गहरा हो जाएगा. बैंकिंग और कैपिटल मार्केट स्टॉक्स को सीधा फायदा मिल सकता है.
IPO और MPS नियमों में बदलाव
SEBI ने ₹5 लाख करोड़ से ज्यादा Market Cap वाली कंपनियों के लिए IPO और MPS (Minimum Public Shareholding) के नियमों में भी बड़ा बदलाव किया है. MPS कंपनियों को कम से कम ₹15,000 करोड़ और पोस्ट-इश्यू मार्केट कैप का 1% पब्लिक ऑफर करना होगा.
अगर पब्लिक शेयरहोल्डिंग 15% से कम है, तो 15% MPS 5 साल में और 25% MPS 10 साल में पूरा करना होगा. अगर पब्लिक शेयरहोल्डिंग 15% या उससे ज्यादा है, तो 25% MPS 5 साल में हासिल करना होगा.
इससे पहले सभी बड़ी कंपनियों को 5 साल में 25% MPS हासिल करना अनिवार्य था. अब कंपनियों को ज्यादा समय और लचीलापन मिलेगा. रिपोर्ट्स के अनुसार, Reliance Jio का Market Cap ₹5 लाख करोड़ से ऊपर होगा. बड़े IPO में भागीदारी का मौका मिलेगा और धीरे-धीरे पब्लिक शेयर बढ़ने से बाजार में गहराई आएगी.