India Pakistan War 2025 | भारत पाकिस्तान युद्ध 2025 भारत-पाकिस्तान युद्ध का बाज़ार पर असर

Impact of India Pakistan War On Share Market

Impact of India Pakistan War On Share Market | भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव या युद्ध की स्थिति का असर सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहता बल्कि इसका सीधा प्रभाव बाज़ारों पर भी पड़ता है। चाहे शेयर मार्केट हो,रुपया हो, या फिर ज़रूरी वस्तुओं की कीमतें,हर क्षेत्र में अनिश्चितता देखने को मिलती है। क्या भारत-पाकिस्तान युद्ध की आशंका या वास्तविक युद्ध से बाज़ार प्रभावित होगा तो कैसे आइए जानते हैं।

युद्ध की स्थिति में निवेशकों में डर,अस्थिरता का माहौल बन जाता है। ऐसे में सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांक तेजी से गिर सकते हैं। रक्षा,तेल,एविएशन और टूरिज़्म जैसे सेक्टर सबसे पहले प्रभावित होते हैं। निवेशक ‘सेफ हेवन्स’ यानी सुरक्षित जगहों, जैसे सोना, अमेरिकी डॉलर या सरकारी बॉन्ड तक सीमित हो जाते हैं।

युद्ध की स्थिति में विदेशी निवेशक अपने पैसे निकालना शुरू कर सकते हैं जिससे विदेशी मुद्रा की आमद घटती है और रुपये की कीमत गिरती है और डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है इससे आयात महंगा हो जाता है, विशेषकर तेल और गैस जैसी अति आवश्यक चीजें व संसाधन इसकी चपेट में आ जाते हैं।

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भारत अपनी ज़रूरत का अधिकांश कच्चा तेल आयात करता है। युद्ध की स्थिति में तेल आपूर्ति बाधित हो सकती है या वैश्विक बाज़ारों में कीमतें बढ़ सकती हैं। इससे ट्रांसपोर्ट, मैन्युफैक्चरिंग और रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें भी आसमान छू सकती हैं।

अनिश्चितता के दौर में निवेशक सोने को एक सुरक्षित विकल्प मानते हैं। इसलिए युद्ध के समय सोने की कीमतों में हमेशा उछाल देखा गया है अतः इससे घरेलू ज्वैलरी बाजार पर भी महंगाई की मार झेलना पड़ सकता है।

सीमाई इलाकों में व्यापार बिल्कुल ठप सा ही हो जाता है। लोन री-पेमेंट में डिफॉल्ट की तादाद बढने लगती है, जिससे बैंकों का एनपीए भी बढ़ सकता है उस पर यदि युद्ध लंबा खिंचता है तो सरकार को रक्षा खर्च बढ़ाना पड़ता है, जिससे फंड डायवर्जन होता है और विकास कार्य प्रभावित होते हैं।

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भारत-पाकिस्जैतान के बीच देश भर में बन रहे माहौल को देखते हुए कहा जा सकता है कि जैसे ही आर्थिक गतिविधियां धीमी होंगी,रोज़गार पर असर पड़ेगा ही पड़ेगा। ऐसे में महंगाई का बढ़ना लाज़मी है। क्योंकि वस्तुओं की आपूर्ति में रुकावट आएगी और परिवहन महंगा होता जाएगा।

विशेष – भारत-पाकिस्तान युद्ध का असर न केवल सीमा पर बल्कि देश की समूची अर्थव्यवस्था के हर स्तर पर देखा जा सकता है। ऐसे में कहना ग़लत नहीं होगा कि आर्थिक अस्थिरता बढ़ना शुरू हो गया है और आम जनता वित्तीय बोझ उठाने तैयारी का सोच रही है।

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