India Pakistan: इंडिया और पाकिस्तान के बीच तनाव अब कम हो रहा है. इस तनाव के बीच जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को लगभग 2.4 अरब डॉलर (USD) की आर्थिक सहायता पैकेज (बेलआउट) देने की मंजूरी दी तो इस पर भारत में काफी बवाल हुआ की आखिर आतंक को पालने वाले पाकिस्तान को IMF क्यों यह फंड दे रहा है. भारत ने IMF के सामने आपत्ति जताई थी कि पाकिस्तान को पैकेज नहीं दिया जाए क्योंकि वो अपने देश में आतंकवाद को पालता है.
इसके बाद भी IMF ने पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर “Extended Fund Facility” (EFF) के अन्तर्गत और 1.4 अरब डॉलर “Resilience and Sustainability Facility” (RSF) के तहत दिए. IMF ने पहले कहा था कि, पाकिस्तान ने आर्थिक सुधारों की दिशा में अहम कदम उठाए हैं. लेकिन अब IMF ने अपनी रिपोर्ट जारी कर, उस बात से पर्दा उठाया है कि क्यों पाकिस्तान को इस तरह आर्थिक सहायता दी गई है.
IMF रिपोर्ट में क्या लिखा है!
IMF ने बताया कि पाकिस्तान ने राजकोषीय घाटा कम करने, महंगाई काबू करने, ब्याज दर घटाने जैसे कदम उठाए हैं. अप्रैल 2025 तक पाकिस्तान की महंगाई दर 0.3% तक गिर गई, साल के शुरुआती 6 महीनों में सरकारी बजट 2% का प्राइमरी सरप्लस रहा. विदेशी मुद्रा भंडार अप्रैल 2025 में $10.3 बिलियन तक पहुंच गए, जो अगस्त 2024 में $9.4 बिलियन थे. बिजली और गैस के दामों में बढ़ोतरी से कर्ज पर नियंत्रण पाया. मार्च 2025 तक बिजली क्षेत्र का कर्ज PRs 2,530 बिलियन रहा जो अनुमान से कम था. पाकिस्तान को 1.4 अरब डॉलर की मदद का मकसद जलवायु आपदाओं से लड़ने की सहायता देना है.
इन योजनाओं में क्या शामिल हैं
प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयारियां बढ़ाना
पानी की बेहतर कीमत निर्धारण व्यवस्था
बैंक और कंपनियों के लिए जलवायु से जुड़े जोखिमों की रिपोर्टिंग
IMF की चेतावनी
यह फंड देने के साथ ही पाकिस्तान को IMF ने कहा है कि पाकिस्तान को अपनी नीतियों में निरंतरता बनाए रखनी होगी, ऊर्जा और कर सुधारों को तेज़ी से लागू करना होगा और निजी निवेश को बढ़ावा देना होगा. IMF ने पाकिस्तान को यह सहायता इसलिए दी है क्योंकि उसने कुछ आवश्यक आर्थिक सुधार किए हैं और आगे भी सुधारों को जारी रखने का भरोसा दिलाया है. यह पैकेज पाकिस्तान को आर्थिक स्थिरता, जलवायु लचीलापन और विकास की राह पर लाने के लिए एक मौका है.