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IMF ने Pakistan पर लगाई 11 नई शर्तें, भारत के साथ तनाव को बताया बेलआउट के लिए खतरा

IMF Conditions Pakistan Bailout: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को अपने बेलआउट प्रोग्राम (Bailout Program) की अगली किस्त जारी करने के लिए 11 नई शर्तें (New IMF Conditions) लागू की हैं। 17 मई 2025 को जारी अपनी स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में आईएमएफ ने चेतावनी दी कि भारत के साथ बढ़ते तनाव (India-Pakistan Tensions) पाकिस्तान के वित्तीय, बाहरी और सुधार लक्ष्यों (Fiscal and Reform Goals) को जोखिम में डाल सकते हैं। यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के जवाब में आए तनाव के बीच उठाया गया है।

आईएमएफ की नई शर्तें
आईएमएफ ने पाकिस्तान पर कुल 50 शर्तें थोप दी हैं, जिनमें से 11 नई शर्तें शामिल हैं। इनमें शामिल हैं:

भारत-पाक तनाव का असर

आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछले दो हफ्तों में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव “काफी बढ़ गया” है। यह तनाव 7 मई को भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों (Precision Strikes) और इसके जवाब में 8, 9 और 10 मई को पाकिस्तान द्वारा ड्रोन व मिसाइल हमलों (Drone and Missile Attacks) के बाद बढ़ा। हालांकि, 10 मई को दोनों देशों ने अमेरिका की मध्यस्थता से सीजफायर (Ceasefire Agreement) पर सहमति जताई। आईएमएफ ने नोट किया कि पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट (Pakistan Stock Market) पर अभी तक प्रभाव सीमित रहा है, लेकिन अगर तनाव बढ़ता है तो यह बेलआउट प्रोग्राम के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।

पाकिस्तान की रक्षा बजट वृद्धि

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का अगले वित्त वर्ष का रक्षा बजट (Defense Budget) 2.414 लाख करोड़ रुपये है, जो आईएमएफ के अनुमान से 12% अधिक है। हालांकि, शहबाज शरीफ सरकार (Shehbaz Sharif Government) ने संकेत दिया है कि भारत के साथ हाल के टकराव के बाद यह बजट 2.5 लाख करोड़ रुपये (18% अधिक) तक बढ़ सकता है। आईएमएफ ने चेतावनी दी कि रक्षा खर्च में बढ़ोतरी और तनाव बढ़ने से पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता (Economic Stability) और बाहरी वित्तपोषण (External Financing) पर दबाव पड़ सकता है।

भारत की आपत्ति

भारत ने 9 मई को आईएमएफ बोर्ड की बैठक में पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर के बेलआउट (1 Billion USD Bailout) और 1.3 अरब डॉलर के रेजिलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी (Resilience and Sustainability Facility) पर कड़ी आपत्ति जताई। भारत ने मतदान से परहेज (Abstained from Voting) करते हुए कहा कि पाकिस्तान का सुधारों को लागू करने का रिकॉर्ड खराब है और इन फंड्स का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद (Cross-Border Terrorism) के लिए हो सकता है। भारत ने आईएमएफ के पिछले प्रोग्रामों की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाए, क्योंकि पाकिस्तान पिछले 35 सालों में 28 साल तक आईएमएफ बेलआउट पर निर्भर रहा है।

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही भारी विदेशी कर्ज (Foreign Debt) और कम विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) के बोझ तले दबी है। 2024 में इसका बाहरी कर्ज 130 अरब डॉलर को पार कर गया, जिसमें से 20% से अधिक चीन (China Debt) का है। विदेशी मुद्रा भंडार केवल 15 अरब डॉलर है, जो तीन महीने के आयात को भी पूरा नहीं कर सकता। सितंबर 2024 में 7 अरब डॉलर के बेलआउट से कुछ राहत मिली थी, लेकिन आईएमएफ ने चेतावनी दी कि बिना संरचनात्मक सुधारों (Structural Reforms) के यह चक्र जारी रहेगा।

आगे की चुनौतियां

आईएमएफ की नई शर्तें और भारत के साथ तनाव पाकिस्तान के लिए दोहरी चुनौती पेश करते हैं। ऊर्जा क्षेत्र की गलत नीतियां (Flawed Energy Policies) और खराब शासन (Poor Governance) के कारण बढ़ता सर्कुलर डेट (Circular Debt) पहले से ही अर्थव्यवस्था पर बोझ है। अगर पाकिस्तान इन शर्तों को पूरा नहीं करता या तनाव बढ़ता है, तो उसकी बाहरी वित्तपोषण तक पहुंच (Access to External Financing) और मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ सकता है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता का विरोध जारी रखेगा, खासकर जब तक आतंकवाद के मुद्दे का समाधान नहीं होता।

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