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भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ तो कौन सा देश किसका साथ देगा?

If there is a war between India and Pakistan, which country will support whom: अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है तो कौन से देश भारत का साथ देंगे और पाकिस्तान का साथ देकर भारत के खिलाफ खड़े होंगे? यह एक बड़ा सवाल है. जाहिर है अगर INDO PAK WAR होता है तो यह सिर्फ दो देशों के बीच सिमित नहीं रह जाएगा। इसमें कई देश शामिल हो सकते हैं.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों की संलिप्तता सामने आई है, जिसके बाद भारत में युद्ध की संभावना (India-Pakistan War) को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। यदि भारत इस हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई या युद्ध शुरू करता है, तो वैश्विक शक्तियां और क्षेत्रीय देश इस संघर्ष में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। इस खबर में हम विश्लेषण करेंगे कि कौन से देश भारत का समर्थन करेंगे, कौन से पाकिस्तान के साथ खड़े होंगे, और दोनों पक्षों में पलड़ा किसका भारी रहेगा।

पाकिस्तान के खिलाफ भारत के सहयोगी देश

Allies of India in the war against Pakistan: भारत की कूटनीतिक ताकत और वैश्विक मंचों पर बढ़ती साख के कारण कई देश इस युद्ध में भारत का समर्थन कर सकते हैं। भारत के पक्ष में खड़े होने वाले प्रमुख देश और उनके समर्थन के कारण निम्नलिखित हैं:

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका (United States)
    • समर्थन का कारण: अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnership) पिछले दो दशकों में मजबूत हुई है। क्वाड (QUAD) और आतंकवाद विरोधी सहयोग (Counter-Terrorism Cooperation) के तहत दोनों देशों के हित संरेखित हैं। अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थक मानता है और भारत को दक्षिण एशिया में चीन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण साझेदार (Counter-China Ally) देखता है।
    • संभावित मदद: कूटनीतिक समर्थन, खुफिया जानकारी (Intelligence Sharing), और सैन्य उपकरण (Military Equipment) की आपूर्ति। हालांकि, अमेरिका प्रत्यक्ष सैन्य हस्तक्षेप से बच सकता है।
  2. रूस (Russia)
    • समर्थन का कारण: भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक संबंध (Historical Ties) और सैन्य सहयोग (Military Cooperation) मजबूत हैं। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में रूस ने भारत का साथ दिया था। रूस भारत को अपने हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार (Largest Arms Buyer) मानता है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत का समर्थन करता है।
    • संभावित मदद: उन्नत हथियारों की आपूर्ति (Advanced Weaponry), तकनीकी सहायता, और संयुक्त राष्ट्र में वीटो पावर के जरिए कूटनीतिक समर्थन।
  3. इजरायल (Israel)
    • समर्थन का कारण: भारत और इजरायल के बीच रक्षा सहयोग (Defense Cooperation) और आतंकवाद विरोधी साझेदारी (Anti-Terrorism Partnership) मजबूत है। इजरायल भारत को ड्रोन (Drones), मिसाइल सिस्टम (Missile Systems), और साइबर सुरक्षा (Cybersecurity) में सहायता प्रदान करता है। दोनों देश आतंकवाद को एक साझा खतरे के रूप में देखते हैं।
    • संभावित मदद: सटीक हथियार (Precision Weapons), सैन्य खुफिया जानकारी, और युद्धक्षेत्र में तकनीकी सहायता।
  4. फ्रांस (France)
    • समर्थन का कारण: फ्रांस भारत का प्रमुख रक्षा साझेदार (Defense Partner) है, जो राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jets) और पनडुब्बी परियोजनाओं (Submarine Projects) में सहयोग करता है। फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन करता है और भारत को यूरोप में एक महत्वपूर्ण साझेदार मानता है।
    • संभावित मदद: सैन्य उपकरण, प्रशिक्षण, और कूटनीतिक समर्थन।
  5. जापान और ऑस्ट्रेलिया (Japan and Australia)
    • समर्थन का कारण: क्वाड गठबंधन (QUAD Alliance) के सदस्य के रूप में, दोनों देश भारत के साथ रणनीतिक हित साझा करते हैं। पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन और चीन के साथ उसके गठजोड़ के कारण ये देश भारत का साथ दे सकते हैं।
    • संभावित मदद: समुद्री सुरक्षा (Maritime Security), खुफिया जानकारी, और कूटनीतिक समर्थन

भारत के खिलाफ पाकिस्तान के सहयोगी देश: कौन और क्यों?

Allies of Pakistan against India: पाकिस्तान के पास सीमित लेकिन कुछ महत्वपूर्ण सहयोगी देश हैं, जो विभिन्न भू-राजनीतिक कारणों से उसका समर्थन कर सकते हैं। इन देशों के समर्थन के कारण निम्नलिखित हैं:

  1. चीन (China)
    • समर्थन का कारण: चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) और रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnership) के कारण चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा सहयोगी है। चीन भारत को क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी (Regional Rival) मानता है और पाकिस्तान को भारत के खिलाफ एक बैलेंसिंग फोर्स के रूप में उपयोग करता है।
    • संभावित मदद: सैन्य उपकरण (Military Hardware), आर्थिक सहायता (Financial Aid), और संयुक्त राष्ट्र में कूटनीतिक समर्थन। हालांकि, चीन प्रत्यक्ष सैन्य हस्तक्षेप से बच सकता है।
  2. तुर्की (Turkey)
    • समर्थन का कारण: तुर्की और पाकिस्तान के बीच धार्मिक और सैन्य संबंध (Religious and Military Ties) मजबूत हैं। तुर्की कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करता है और भारत के खिलाफ बयानबाजी करता रहा है।
    • संभावित मदद: ड्रोन (Drones), सैन्य उपकरण, और कूटनीतिक समर्थन।
  3. ईरान (Iran)
    • समर्थन का कारण: ईरान और पाकिस्तान के बीच संबंध जटिल हैं, लेकिन क्षेत्रीय गतिशीलता (Regional Dynamics) के कारण ईरान सीमित समर्थन दे सकता है। हालांकि, भारत के साथ ईरान के आर्थिक संबंध (Economic Relations) इसे तटस्थ रख सकते हैं।
    • संभावित मदद: सीमित कूटनीतिक समर्थन।

भारत पाकिस्तान युद्ध में कौन जीतेगा

Who will win in india pakistan war: भारत और पाकिस्तान के सहयोगी देशों की तुलना करने पर भारत का पलड़ा स्पष्ट रूप से भारी नजर आता है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  1. सैन्य और आर्थिक ताकत (India’s Military and Economic Strength):
    • भारत की सैन्य क्षमता (Military Capability Of India) और अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पाकिस्तान से कई गुना बड़ी है। भारत का रक्षा बजट (India Defense Budget) और उन्नत हथियार (Indian Advanced Weaponry) इसे युद्ध में बढ़त देते हैं।
    • पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कमजोर (Pakistan Economy) है, और वह युद्ध के लिए लंबे समय तक संसाधन जुटाने में असमर्थ हो सकता है।
  2. वैश्विक समर्थन (India Global Support Against Pakistan):
    • भारत के पास अमेरिका, रूस, इजरायल, और फ्रांस जैसे शक्तिशाली सहयोगी हैं, जो सैन्य और कूटनीतिक समर्थन (Military and Diplomatic Support) प्रदान कर सकते हैं।
    • पाकिस्तान का समर्थन मुख्य रूप से चीन तक सीमित है, और अन्य देशों का समर्थन सशर्त या सीमित होगा।
  3. क्षेत्रीय प्रभाव
    • भारत दक्षिण एशिया में एक प्रमुख शक्ति है, और बांग्लादेश, भूटान, और श्रीलंका जैसे देश इसके साथ हैं।
    • पाकिस्तान क्षेत्रीय अलगाव का सामना कर रहा है, विशेष रूप से अफगानिस्तान और बांग्लादेश के साथ तनाव के कारण।
  4. कूटनीतिक बढ़त
    • भारत संयुक्त राष्ट्र (United Nations) और अन्य वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रुख रखता है, जिससे उसे व्यापक समर्थन मिलता है।
    • पाकिस्तान को आतंकवाद समर्थक देश (Terror-Sponsoring State) के रूप में देखा जाता है, जिसके कारण उसका कूटनीतिक अलगाव बढ़ता है।

युद्ध का संभावित परिणाम

यदि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ता है, तो भारत की सैन्य श्रेष्ठता (Military Superiority) और सहयोगी देशों की संख्या के कारण भारत की जीत की संभावना अधिक है। 1971 के युद्ध (1971 War) में भारत ने पाकिस्तान को निर्णायक रूप से हराया था, और वर्तमान में भारत की स्थिति और मजबूत है। हालांकि, चीन की भूमिका (China’s Role) और परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) की मौजूदगी युद्ध को जटिल बना सकती है।

भारत को युद्ध में निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:

पाकिस्तान के लिए चुनौतियां:


पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए यदि भारत पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ता है, तो भारत को अमेरिका, रूस, इजरायल, फ्रांस, और क्षेत्रीय सहयोगियों का समर्थन प्राप्त होगा, जो इसे सैन्य और कूटनीतिक रूप से मजबूत बनाएगा। दूसरी ओर, पाकिस्तान को चीन और तुर्की जैसे सीमित सहयोगियों का साथ मिल सकता है, लेकिन उसका वैश्विक अलगाव और कमजोर अर्थव्यवस्था उसे कमजोर बनाएगी। पलड़ा स्पष्ट रूप से भारत के पक्ष में भारी (India’s Favor) है, लेकिन युद्ध के दीर्घकालिक परिणाम क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर निर्भर करेंगे। भारत को अपनी रणनीति सावधानीपूर्वक तैयार करनी होगी ताकि युद्ध सीमित रहे और परमाणु जोखिम (Nuclear Risk) से बचा जा सके।

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