Site icon SHABD SANCHI

SIP Penalty: ₹500 की SIP में ₹590 का जुर्माना! छोटी सी भूल करा देगी ये नुकसान

SIP Investment

SIP Investment

SIP Missing Penalty Charges: आज के दौर में बहुत से लोग SIP के जरिए MF में निवेश कर रहे हैं. जी हां इस निवेश की रकम हर महीने बैंक अकाउंट से अपने आप कट हो जाती है. लेकिन गौर कीजिए आपके एकाउंट में उस निवेश की रकम के बराबर पैसा नहीं होगा तो क्या होगा, तो आपको बता दें कि ऐसे में बैंक भारी जुर्माना वसूलते हैं. ऐसा ही अनुभव एक रेडिट यूजर ने शेयर किया है.

₹590 का लगा जुर्माना

रेडिट उपभोक्ता ने बताया कि उनके पिताजी को ₹590 का जुर्माना देना पड़ा. और ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि उनके बैंक एकाउंट में निवेश की रकम के पैसे नहीं थे. उनके खाते से MF, SIP के लिए ऑटो डेबिट होता था. बैंक अकाउंट में पैसे कम होने के कारण ICICI बैंक ने जुर्माना लगाया है.

Bank को ईमेल भी किया

यूजर ने बताया, मेरे पिताजी के ICICI बैंक खाते में MF SIP का ऑटो डेबिट चालू था. यह उनका दूसरा अकाउंट है. ऐसे में दिनांक 31 को उनके पहले बैंक का सर्वर डाउन था. इस वजह से ICICI बैंक में समय पर पैसे नहीं डल पाए. इसलिए हमें 590 रुपये का जुर्माना देना पड़ा. मैंने ICICI बैंक को मेल भेजा है कि वे इस जुर्माने को माफ कर दें.

छोटे निवेशकों पर ये होगा असर

यह सबसे ज्यादा नुकसानदेह उनके लिए होता है जो बेचारे निवेश करना चाहते हैं, और साथ ही उनके पास पैसे भी उतने नहीं होते हैं कई बार ऐसा होता है कि लोग हर महीने 500 रुपये या उससे कम का निवेश करते हैं. अगर उनका एक भी पेमेंट बाउंस हो जाता है, तो उन्हें अपनी मासिक किस्त से ज्यादा जुर्माना देना पड़ता है. और यह एकदम आम बात है की उस तारीख में पैसे लोग नहीं डाल पाते हैं ऐसे में अब सावधान होने की जरूरत है.

ET के अनुसार सर्टिफाइड वित्तीय जानकार और Hum Fauji Initiatives के CEO संजीव गोविला कि पेनल चार्ज विफलता की तुलना में बहुत ज्यादा लगते हैं. इससे छोटे निवेशकों पर बुरा असर पड़ता है.

आखिर क्यों लगाया जाता है जुर्माना?

चलिए ये बात तो User द्वारा बताइ गई है, लेकिन अब आपको बताएं की आखिर ये जुर्माना क्यों लगाया जाता है. दरअसल बैंक ऑटो डेबिट अनुरोधों के विफल होने पर जुर्माना लगाते हैं. ऑटो डेबिट अनुरोध का मतलब है कि आपके बैंक खाते से एक निश्चित राशि अपने आप कट जाती है. यह SIP, Insurance Premium, Loan EMI जैसी चीजों के लिए होता है. ऑटो डेबिट अनुरोधों के लिए नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH), NPCI का UPI ऑटोपे जैसे सिस्टम काम करते हैं. अगर आपके बैंक खाते में ऑटो-पे (स्थायी अनुरोध) को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं, तो बैंक आप पर जुर्माना लगाएगा.

Exit mobile version