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IDFC FIRST BANK SHARE PRICE: 52 हफ्तों बाद निचले स्तर पर भाव!

बैंक शेयरों (IDFC FIRST BANK SHARE PRICE) में इस गिरावट के पीछे की वजह सितंबर तिमाही के खराब नतीजे हैं,,,,,

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर (IDFC FIRST BANK SHARE PRICE) सोमवार को कारोबार के दौरान 10% गिर गए और 59.24 रुपये के इंट्राडे लो पर पहुंच गए। यह इसका 52 हफ्तों का नया निचला भाव भी था। हालांकि, बाद में कुछ खरीदारी हुई और शेयर 65.19 रुपये के इंट्राडे हाई पर पहुंच गए।

गिरावट के पीछे की वजह सितंबर तिमाही

बैंक शेयरों (IDFC FIRST BANK SHARE PRICE) में इस गिरावट के पीछे की वजह सितंबर तिमाही के खराब नतीजे हैं। दरअसल, चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में बैंक का मुनाफा 73% गिर गया। इधर, मुनाफे में बड़ी गिरावट के बाद वैश्विक ब्रोकरेज फर्म भी डर गईं। उन्होंने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर मूल्य लक्ष्य को कम कर दिया।

IDFC FIRST BANK SHARE PRICE का घाटा

दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने इस स्टॉक पर ‘होल्ड’ रेटिंग बरकरार रखी है। साथ ही इसका टार्गेट प्राइस 72 रुपये से घटाकर 60 रुपये कर दिया गया है। आपको बता दें कि पिछले कई कारोबारी दिनों से इस शेयर में सुस्ती बनी हुई है। पिछले पांच दिनों में इसमें 8%, एक महीने में 13% और छह महीने में 20% की गिरावट आई है। इस साल अब तक स्टॉक में 26% की गिरावट आ चुकी है। एक साल में यह शेयर 21% गिर चुका है।

कई उम्मीदों को IDFC FIRST BANK SHARE PRICE ने तोड़ा

आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष के जुलाई-सितंबर में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC FIRST BANK SHARE PRICE) का स्टैंडअलोन आधार पर शुद्ध लाभ 73 फीसदी घटकर 11,746 करोड़ रुपये रह गया है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 751 करोड़ रुपये था। हालांकि, समीक्षाधीन अवधि के दौरान कुल आय 10,684 करोड़ रुपये रही। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि में यह 8,786 करोड़ रुपये थी।

स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी जानकारी

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने शनिवार को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी है। बैंक की ब्याज आय पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 7,356 करोड़ रुपये से बढ़कर 8,957 करोड़ रुपये हो गई है। शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) पिछले साल की दूसरी तिमाही के 3,950 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,788 करोड़ रुपये हो गई। संपत्ति की गुणवत्ता के संबंध में, बैंक की सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) सितंबर, 2024 के अंत तक घटकर सकल ऋण का 1.92 प्रतिशत हो गई है। जोकि एक साल पहले 2.11 प्रतिशत थी।

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