IDBI Bank Divestment: भारत सरकार और LIC की साझा साझेदारी वाला IDBI बैंक अब प्राइवेट बैंक बन सकता है। IDBI Bank Divestment का प्रोसेस अब तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है इसलिए ऐसा उम्मीद किया जा रहा है कि ये डील दिसंबर 2025 तक पूरी हो जाएगी। इस डील के होने से केंद्र सरकार को लगभग 50000 करोड़ रुपए की भरी रकम मिलेगी ऐसी संभावनाएं बताई जा रही हैं।

क्या है पूरा मामला?
IDBI बैंक में केंद्र सरकार की 30.48% और LIC की लगभग 30.24% की हिस्सेदारी है इसका मतलब कुल मिलाकर 60.72% हिस्सेदारी बेची जानी तय है। इस strategic disinvestment के तहत बैंक का मैनेजमेंट कंट्रोल को भी नए खरीदार को सौंप दिया जा सकता है। जिससे IDBI बैंक पूरी तरह एक प्राइवेट बैंक के रूप में बदल जाएगा।
कौन-कौन हैं संभावित खरीदार?
IDBI Bank Divestment में बहुत सारी घरेलू और विदेशी कंपनियां अपने दिलचस्पी दिखा रही है, ऐसे में कुछ संभावित निवेश करने वाले कंपनियों के नाम सामने आए हैं जैसे Fairfax India, Emirates NBD, Kotak Mahindra Bank आदि हालांकि इसके अलावा भी अन्य बहुत सारे निजी कंपनियों के नाम शामिल है। सितंबर या अक्टूबर के महीने के बीच में फाइनेंसियल बिड्स मांगे जाने की संभावनाएं जताई जा रही है।
सरकार को कैसे होगा फायदा?
बैंक की स्थिति के जरिए सरकार को लगभग 50000 करोड रुपए मिल सकते हैं जिससे वह अपने फाइनेंशियल ईयर 2025- 26 के विनिवेश लक्ष्य यानी लगभग 47000 करोड रुपए को पार कर सकती है साथ ही ये डील भारत में banking sector privatization की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
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IDBI बैंक के शेयरों पर असर
इस खबर के बाद IDBI बैंकों के shares में उछाल देखा गया है जिससे इस वर्ष की शुरुआत से अब तक बैंकों के शेयर में लगभग 27 प्रतिशत की तेजी देखी गई है। जिससे इसका मार्केट कैप लगभग 1 लाख करोड रुपए को पार कर गया है।
IDBI Bank Divestment भारत सरकार की PSU को कम करने की नीति का एक अहम हिस्सा माना गया है यदि यह डील समय पर और सफलतापूर्वक हो जाती है तो यह अन्य सरकारी कंपनियों की बिक्री के लिए भी रास्ता आसान कर सकती है। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि दिसंबर तक इस deal को कौन अपने नाम पर कर पाता है।