IAS Vishakha Yadav PM Modi Viral Photo | लाखों का पैकेज छोड़ IAS बनी Vishakha Yadav के बारे में नहीं जानते होंगे आप!

IAS Vishakha Yadav PM Modi Viral Photo

IAS Vishakha Yadav Biography, IAS Vishakha Yadav PM Modi Viral Photo | Arunachal Pradesh के Papum Pare district में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में IAS officer का आत्मविश्वास भरा चेहरा नजर आ रहा है, जो कोई और नहीं बल्कि 31 वर्षीय IAS Vishakha Yadav हैं।

दिल्ली की रहने वाली विशाखा ने न केवल पीएम का गर्मजोशी से स्वागत किया, बल्कि अपनी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति से लाखों युवाओं को प्रेरित भी कर दिया। आइए जानते हैं उनकी प्रेरणादायक कहानी को करीब से।

IAS Vishakha Yadav Biography

Vishakha Yadav का जन्म 1994 में Delhi में एक सामान्य परिवार में हुआ। उनके पिता राजकुमार यादव Delhi Police में सहायक उप-निरीक्षक हैं, जबकि मां एक गृहिणी हैं। बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहीं विशाखा ने कभी भी अपने परिवार की आर्थिक तंगी को बाधा नहीं बनने दिया।

उनका मानना है कि सपने देखना आसान है, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है। “मैंने हमेशा सोचा कि आईएएस बनकर देश की सेवा करूंगी, चाहे कितनी भी बाधाएं आएं,” जैसा कि उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था।

शिक्षा और कॉर्पोरेट दुनिया से सिविल सेवा की ओर

शिक्षा के मामले में IAS Vishakha Yadav ने Delhi Technological University (DTU) से इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने बेंगलुरु की मल्टीनेशनल कंपनी Cisco में नौकरी शुरू की, जहां उन्हें लाखों रुपये का पैकेज मिला। लेकिन यह नौकरी उनके सपनों की सीढ़ी नहीं थी।

Vishakha Yadav ने इसे छोड़ दिया और UPSC Civil Services Exam की तैयारी में जुट गईं। कोचिंग क्लासेज के बिना, सिर्फ सेल्फ-स्टडी पर निर्भर रहीं। पहले दो प्रयासों में असफलता मिली, लेकिन तीसरे प्रयास में उन्होंने कमाल कर दिया। 2025 की परीक्षा में 1,046 अंकों के साथ ऑल इंडिया रैंक 6 हासिल की, जो देशभर में चर्चा का विषय बनी।

करियर की ऊंचाइयां और अरुणाचल में नई जिम्मेदारी

यूपीएससी की सफलता के बाद Vishakha को Arunachal Pradesh Cadre आवंटित हुआ। वर्तमान में वे पापुम पारे जिले की डिप्टी कमिश्नर हैं, जहां वे स्थानीय विकास परियोजनाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने में जुटी हैं। उनकी तैनाती ने न केवल जिले को नई दिशा दी है, बल्कि पूर्वोत्तर के युवाओं को भी सिविल सेवा की प्रेरणा दी है।

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