IAS Santosh Verma Vivad: जातिगत आरक्षण की वकालत करने के नाम पर ब्राह्मणों की बेटियों को लेकर विवादित बयान देने वाले आईएएस अधिकारी संतोष कुमार वर्मा को लेकर प्रदेश सहित पूरे देश में रोष व्याप्त है. कई जिलों के हिन्दू और ब्राह्मण संगठनों की तरफ से IAS अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई जा रही है.
हाल ही में रीवा जिले के ब्राह्मण संगठन द्वारा डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल (Rajendra Shukla) को भी ज्ञापन सौंपते हुए विवादित बयान देने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई गई थी। अब इस मामले में मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल की तरफ से बयान जारी किया गया है.
आईएएस संतोष वर्मा के बयान पर क्या बोले राजेंद्र शुक्ल
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने IAS संतोष वर्मा के दिए बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा-
एक आईएएस अधिकारी द्वारा बहन एवं बेटियों को लेकर की गई टिप्पणी अत्यंत आपत्तिजनक, असंवेदनशील और समाज में अनावश्यक विभाजन पैदा करने वाली है। किसी भी समाज के बहन एवं बेटियों के विरुद्ध ऐसी टिप्पणी विकृत मानसिकता का परिलक्षण है। एक उच्च पद पर बैठे अधिकारी से ऐसे विचार न केवल सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंचाते हैं बल्कि प्रशासनिक गरिमा पर भी प्रश्न उठाते हैं।
सरकार की स्पष्ट मान्यता है कि किसी भी जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी द्वारा मातृशक्ति के विरुद्ध ऐसी टिप्पणी करना सामाजिक समरसता और संवैधानिक मर्यादा दोनों के विरुद्ध है। इस प्रकार की सोच भारतीय संस्कृति और हमारी परंपराओं का भी अपमान करती है। सभी वर्गों का सम्मान हमारी परंपरा का मूल है और किसी भी समुदाय विशेष को लक्षित कर की गई टिप्पणी स्वीकार नहीं की जा सकती। इसी आधार पर सरकार द्वारा उनसे बयान पर स्पष्टीकरण मांगा गया है जो संतुष्टि प्रदायक न होने पर आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी।
बता दें कि राज्य शासन ने IAS वर्मा को शो कॉज नोटिस थमा दिया है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा नोटिस जारी करते हुए कहा गया कि ब्राह्मणों की बेटियों पर दिया गया बयान अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता और गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है और क्यों न आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए? सरकार ने 7 दिन के अंदर आईएएस वर्मा से जवाब मांगा है और संतोषजनक जवाब न मिलने पर एकपक्षीय कार्रवाई की चेतावनी जारी की है.
बता दें कि आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा जो अजाक्स के प्रांताध्यक्ष भी हैं उन्होंने 23 नवंबर को भोपाल में हुए अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में अपने भाषण के दौरान यह कहा था कि आरक्षण तबतक देना चाहिए जबतक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान में नहीं दे देता या उससे संबंध नहीं बना लेता।
इस बयान से बवाल उठा लेकिन आईएएस अधिकारी की चौड़ खत्म नहीं हुई, पहले तो उन्होंने अपने बेहूदा बयान का बचाव किया और बाद में जब बीजेपी विधायकों और मंत्रियों की प्रतिक्रिया आई तो अधिकारी ने माफ़ी मांग ली. हालांकि अब माफ़ी मांगने से काम नहीं चलने वाला, अधिकारी को अब अपने दिए कुतर्क पर सफाई देनी पड़ेगी और जहां तक है कि सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर करेगी
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