IAS Santosh Verma: आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा उस विवादित बयान के कारण सुर्खियों में हैं जिसमें उन्होंने कहा था, “जब तक एक ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं कर देता या मेरे बेटे के साथ रोटी-बेटी का व्यवहार नहीं करता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।” बयान के वायरल होने के बाद चौतरफा आलोचना के बीच संतोष वर्मा ने मंगलवार को सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली।
IAS Santosh Verma’s Controversial Statement: मध्य प्रदेश अजाक्स (अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ) के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष एवं आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा उस विवादित बयान के कारण सुर्खियों में हैं जिसमें उन्होंने कहा था, “जब तक एक ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं कर देता या मेरे बेटे के साथ रोटी-बेटी का व्यवहार नहीं करता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।” बयान के वायरल होने के बाद चौतरफा आलोचना के बीच संतोष वर्मा ने मंगलवार को सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली। एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में आईएएस संतोष वर्मा ने कहा, “मेरा कोई इरादा राजनीतिक हंगामा खड़ा करना या किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। यह हमारी राज्य कार्यकारिणी की आंतरिक बैठक थी। मेरे 27 मिनट के पूरे भाषण में से जानबूझकर सिर्फ 9 सेकंड का हिस्सा काटकर वायरल किया गया।
बैठक में क्या हुआ था?
संतोष वर्मा ने बताया कि 23 नवंबर को भोपाल के डॉ. आंबेडकर पार्क में हुई राज्य कार्यकारिणी की बैठक में पिछले 21 वर्षों से पद पर रहे अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सदस्यों ने सर्वसम्मति से उन्हें नया प्रदेश अध्यक्ष चुना। बैठक में आरक्षण को सामाजिक आधार पर जारी रखने या आर्थिक आधार पर करने को लेकर चर्चा हो रही थी।उन्होंने कहा, “कुछ साथियों का मत था कि अगर कोई व्यक्ति आईएएस बन गया तो उसके परिवार के अन्य सदस्यों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। मैंने इसका विरोध करते हुए कहा कि आर्थिक रूप से सक्षम होने के बावजूद अगर सामाजिक स्वीकार्यता (‘रोटी-बेटी का व्यवहार’) नहीं मिल रही है, तो आरक्षण की जरूरत बनी रहती है। दुर्भाग्य से मेरे पूरे संदर्भ को छोड़कर सिर्फ एक वाक्य को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।”
बिना शर्त माफी
संतोष वर्मा ने स्पष्ट किया, “मेरे मन में किसी भी समुदाय के प्रति कोई द्वेष या बुरी भावना नहीं है। यदि मेरे शब्दों से किसी व्यक्ति या समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं दिल से माफी मांगता हूं।”
पुराने विवाद भी आए सामने
- 2016 में इंदौर की एक महिला ने उन पर शादी का झांसा देकर यौन शोषण और लिव-इन में रखने का आरोप लगाया था। मामला लसूड़िया थाने में दर्ज हुआ था।
- 2021 में आईएएस पद पर प्रोन्नत होने के दौरान उन पर फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप लगा था, जिसके चलते उन्हें कुछ समय जेल भी जाना पड़ा था।
- वर्तमान में संतोष वर्मा मध्य प्रदेश शासन के कृषि विभाग में उप सचिव के पद पर कार्यरत हैं। आरक्षण और क्रीमी लेयर को लेकर चल रही बहस में उनका यह बयान और उसके बाद माफी अब राज्य की राजनीति में नया मोड़ ले चुका है।
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