कौन है IAS मीनाक्षी सिंह, अजाक्स के मंच से उगला जातिवादी जहर!

IAS officer Meenakshi Singh speaking at a public event amid controversy over remarks.

IAS Minakshi Singh Video: मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ यानी अजाक्स (AJJAKS Bhopal) ने जैसे समाज में भेदभाव, जात-पात और वैमनस्यता फैलाने का ठेका ले लिया है. जिन सरकारी अधिकारी और IAS अफसरों से आम लोग बिना किसी पक्षपात के न्याय और प्रशासनिक सहयोग की उम्मीद करते हैं अब वही लोग खुलकर समाज को बांटने और उनमे फूट डालने का काम करते नज़र आ रहे हैं. IAS संतोष वर्मा (IAS Santosh Verma Video) तो आपको याद ही होंगे, वही IAS संतोष कुमार जिन्होंने भोपाल में आयोजित हुए अजाक्स के सम्मेलन में खुले मंच से ब्राह्मणों की बेटियों को लेकर बेहूदा बयानबाज़ी की थी, अब उसी अजाक्स के मंच से एक और आईएएस अधिकारी का वीडियो सामने आया है जिसमे अफसर खुलकर जात-पात की मानसिकता को बढ़ाने और अपनाने की बात करती नज़र आ रही हैं. इन अफसर का नाम है IAS मीनाक्षी सिंह (IAS Minakshi Singh Viral Video) 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। और प्रमोट होकर आईएएस बनी हैं। अभी आदिम जनजाति विभाग में उपसचिव हैं। साथ ही अजाक्स से भी जुड़ी हुई हैं।

सोशल मीडिया में IAS मीनाक्षी सिंह का अजाक्स के मंच से भाषण देने का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है जो 23 नवंबर को भोपाल के आंबेडकर पार्क में आयोजित ‘अजाक्स’ सम्मेलन का है. अपने भाषण में मीनाक्षी सिंह कहती हैं- आज के समय में जातिगत पहचान और जातिवादी सोच सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है, इसलिए हमें भी यही मानसिकता अपनानी होगी

वीडियो में मीनाक्षी सिंह पहले सवर्ण समाज पर पक्षपात का आरोप लगाती हैं और फिर खुद जाति देखकर पक्षपात करने की वकालत करती हैं. बता दें कि मीनाक्षी सिंह भी वही IAS अधिकारी हैं जो नियुक्ति के वक़्त संविधान की शपथ लेते हैं, जिसमे जाति, धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर सभी नागरिकों को समान दृष्टि से देखने की बात कही गई है। यही आयरनी है, ऐसे अधिकारी संविधान को मानाने की बात करते हैं, बाबा साहब अंबेडकर को पूजते हैं फिर जातिवादी बनने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं.

कौन हैं आईएएस मीनाक्षी सिंह

Who Is IAS Minakshi Singh: बता दें कि आईएएस मीनाक्षी सिंह बहुजन नेता दामोदर यादव (Damodar Yadav) की दूसरी पत्नी हैं जो खुद को अम्बेडकरवादी बताते हैं मगर उनकी राजनीती सनातन धर्म से जुड़े संतो को लेकर विवादित बयान देने पर चलती है. दामोदर यादव वही भीम आर्मी वाले नेता हैं जिन्होंने बाघेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा को रोकने की बात कही थी और धीरेंद्र शास्त्री को भगवान का शोषण करने वाला कहा था, उन्होंने रामभद्राचार्य महाराज को अक्ल का अँधा भी कहा था और गुर्जर और यादव समुदाय के लोगों को सवर्णों के खिलाफ भड़काने के लिए यह भी कहा था कि गुर्जर और यादवों  तुम लट्ठ ग़लत दिशा में चलाते हो! दामोदर यादव ने आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन की घोषणा भी की है.

खैर दामोदर यादव तो नेता हैं मगर उनकी पत्नी प्रशासनिक सेवा में एक जिम्मेदार पद में पदस्त IAS अधिकारी हैं जो अपने जातिवादी भाषण में अपने नेता पति को कड़ी टक्कर दे रही हैं. संतोष वर्मा के बाद अब आईएएस मीनाक्षी सिंह के खिलाफ भी सरकार से एक्शन की मांग की जा रही है. इस बयान पर मंत्रालय अधिकारी-कर्मचारी सेवा संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कड़ी आपत्ति जताई है। नायक ने इसे असंवैधानिक सोच बताते हुए कहा कि नौकरशाही में जाति के आधार पर काम करने की मानसिकता बेहद खतरनाक है।

बहरहाल अजाक्स के मंच से आ रहे IAS अफसरों के ऐसे विवादित भाषणों पर आप क्या सोचते हैं? क्या ये IAS अधिकारी अब राजनीति में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं या फिर यह एक सोची-समझी रणनीति है, जिसके तहत प्रशासनिक पदों की गरिमा को ताक पर रखकर वैचारिक एजेंडा आगे बढ़ाया जा रहा है? क्या जाक्स जैसे संगठनों के मंच अब कर्मचारियों के हक़ और संवैधानिक अधिकारों की बात करने की जगह राजनीतिक और वैमनस्य फैलाने वाले भाषणों के अड्डे बनते जा रहे हैं?

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