Hyundai Hybrid EV: दक्षिण कोरिया की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी हुंडई मोटर ग्रुप भारत में अपनी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी रणनीति में बदलाव लाते हुए साल 2026 की शुरुआत तक अपनी पहली हाइब्रिड कारों को लॉन्च करने की तैयारी में है। यह कदम कंपनी को सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियों (ईवी) तक सीमित रहने के बजाय अपनी पहुंच बढ़ाने और भारत के विशाल ऑटोमोबाइल बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद करेगा।
सूत्रों के अनुसार, हुंडई एक हाइब्रिड स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) पर विचार कर रही है, जो आकार में भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली क्रेटा एसयूवी के बराबर होगी। यह दर्शाता है कि कंपनी भारतीय ग्राहकों की पसंद और मांग को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग कर रही है।
हुंडई भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है इसी के साथ एक और दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी किआ भी इसी रणनीति का अनुसरण कर रही है। दोनों कंपनियों का लक्ष्य 2026 या 2027 तक भारतीय बाजार में हाइब्रिड एसयूवी लॉन्च करना है।
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हाइब्रिड गाड़ियों पर जोर क्यों?
हुंडई के इस रणनीतिक बदलाव के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री अभी भी शुरुआती दौर में है और कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें ऊंची कीमतें, चार्जिंग स्टेशनों का कम होना और लोगों में जागरूकता की कमी होना है।
इन चुनौतियों को देखते हुए, हुंडई ने हाइब्रिड गाड़ियों को पेश करने का फैसला किया है। हाइब्रिड गाड़ियां पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों का इस्तेमाल करती हैं, जो उन्हें फ्यूल एफिशिएंसी और कम उत्सर्जन का बेहतर संतुलन प्रदान करती हैं।
भारत में हुंडई की योजनाएं
हुंडई भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है। कंपनी ने यहां 3 अरब डॉलर का आईपीओ लाने की योजना बनाई है। यह दर्शाता है कि कंपनी भारत को एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में देखती है और यहां बड़ा निवेश निवेश करने को तैयार है।
हुंडई मोटर ग्रुप के कार्यकारी अध्यक्ष Euisun Chung ने पिछले एक साल में दो बार भारत का दौरा किया है, जो कंपनी की भारत के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन दौरे के दौरान, भारत में मध्य और दीर्घकालिक रणनीतियों पर चर्चा की गई, जिसमें इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों को लॉन्च करने की योजना शामिल थी।
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हुंडई का भारत में हाइब्रिड कारों को लाने का फैसला भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह उन ग्राहकों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो अभी पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर निर्भर होने में सहज नहीं हैं। हाइब्रिड गाड़ियां ईंधन दक्षता बढ़ाती हैं, प्रदूषण कम करती हैं और इन्हें चलाने के लिए चार्जिंग स्टेशन की भी आवश्यकता नहीं होती है।
हुंडई और किआ फिलहाल भारत में सिर्फ पेट्रोल और डीजल कारें ही बेचती हैं। इसके अलावा ये कंपनियां आयोनिक 5 और ईवी6 जैसी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को आयात करके भी बेचती हैं। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार बाजार भारत में ये कंपनियां साल 2025 में अपनी पहली भारत में निर्मित इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च करने की तैयारी में हैं।
हालांकि, यह कदम इलेक्ट्रिक गाड़ियों के भविष्य के लिए हुंडई की प्रतिबद्धता को कमजोर नहीं करता है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि भारत के लिए उनकी ईवी योजनाएं भी पटरी पर हैं और वे 2025 में ही भारत में निर्मित अपनी पहली इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च करने की तैयारी में हैं।
हुंडई का यह दोहरा रुख – हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक दोनों तरह की गाड़ियों को लाना – एक कुशल रणनीति है। यह कंपनी को आने वाले समय में ग्राहकों की मांग को पूरा करने में सक्षम बनाएगा, साथ ही साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के इंफ्रास्क्ट्रक्चर के विकास को भारत में तेजी लाने में भी मदद करेगा।
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आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि हुंडई की हाइब्रिड गाड़ियों की कीमत क्या होगी और भारतीय बाजार में इनका प्रदर्शन कैसा रहेगा। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण होगा कि किस तरह से कंपनी अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को पेश करती है और चार्जिंग इंफ्रास्क्ट्रक्चर की कमी जैसी चुनौतियों का सामना कैसे करती है।
हुंडई का भारत में यह दांव निश्चित रूप से देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बदलाव लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।