Hybrid Car: उत्तर प्रदेश सरकार ने स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों (Hybrid Car) पर रजिस्ट्रेशन टैक्स पूरी तरह से माफ कर दिया है। स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड वाहनों में डीजल या पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों होते हैं, जो एक साथ और अलग-अलग भी चल सकते हैं। यूपी सरकार ऐसे वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन टैक्स में छूट दे रही है। यह कदम पर्यावरण के अनुकूल वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
The Hindu Businessline की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि इसे लेकर यूपी सरकार ने 5 जुलाई को एक सर्कुलर जारी किया था. इसके तहत ‘स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक गाड़ियों और प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक गाड़ियों (Hybrid Car) के रजिस्ट्रेशन फीस पर 100 फीसदी छूट देने’ की पॉलिसी लागू की है.
अब, पहले आपको स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक गाड़ियों (Hybrid Car) का मतलब बता देते हैं. जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड गाड़ियों में इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों होते हैं. जब लो स्पीड ड्राइविंग की जरूरत होती है, तब ऐसी कार इलेक्ट्रिक मोटर से चलती है. वहीं जब स्पीड तेज करनी होती है, तो कार का इंजन एक्टिव हो जाता है. कुलमिलाकर स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार एक तय वक्त के लिए पूरी तरह से अपनी इलेक्ट्रिक मोटर पर चल सकती है, जो बैटरी में स्टोर एनर्जी का इस्तेमाल करती है. लेकिन इसकी बैटरी को चार्ज करने के लिए किसी इलेक्ट्रिक सोर्स से प्लग-इन नहीं कर सकते. इसकी बैटरी अंदर बनाई व्यवस्था से चार्ज होती है.
प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों (Hybrid Car) में भी इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों होते हैं। हालांकि, ऐसे वाहनों में इलेक्ट्रिक मोटर के लिए लगाई गई बैटरी को प्लग को बाहरी इलेक्ट्रिक पावर सोर्स के साथ-साथ अंदर बने सिस्टम से जोड़कर पूरी तरह चार्ज किया जा सकता है।
यूपी सरकार द्वारा ऐसे वाहनों के लिए लिए गए फैसले से मारुति सुजुकी इंडिया (MSIL), होंडा कार्स इंडिया (HCIL) और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (TKM) जैसी कंपनियों को फायदा होगा। वहीं, हाइब्रिड वाहनों (Hybrid Car) की कीमतों में 3.5 लाख रुपये तक की कमी आ सकती है।
आपको बता दें कि मारुति ग्रैंड विटारा और इनविक्टो हाइब्रिड कारें बेचती है। टोयोटा हाइडर और इनोवा हाइक्रॉस बेचती है। होंडा सिटी हाइब्रिड बेचती है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी सरकार के इस कदम पर मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा, “पहली बार किसी राज्य सरकार ने इस बात पर कदम उठाया है कि कार्बन उत्सर्जन और तेल आयात को कम करने के लिए कई तकनीकें जरूरी हैं।” आरसी भार्गव ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए इलेक्ट्रिक कारें ही एकमात्र विकल्प नहीं हैं, हाइब्रिड कारों (Hybrid Car) जैसी अन्य कारगर तकनीकें भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम अन्य राज्यों को भी ऐसे प्रस्तावों पर विचार करने के लिए प्रेरित करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में देश में हाइब्रिड वाहनों पर कुल 43 प्रतिशत टैक्स लगता है, जिसमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भी शामिल है। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों पर करीब 5 प्रतिशत टैक्स लगता है।