Selection process of Ram mandir priests: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए इंटरव्यू के जरिये पुजारियों की भर्ती की जा रही है. जैसे-जैसे मूर्ति स्थापना की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे मंदिर के रख रखाव और पूजा विधि की प्लानिंग तेज हो रही है. इसी सिलसिले में प्रशिक्षित पुजारियों का सलेक्शन और इंटरव्यू की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. कुछ कैंडिडेट्स सलेक्ट भी कर लिए गए हैं. लेकिन उन्हें दिए जाने वाले प्रशिक्षण प्रमाण पत्र पर सवाल उठ रहे हैं.
तो आइये जानते हैं ये कंट्रोवर्सी क्या है?
हुआ ऐसा की राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने प्रशिक्षण के बाद दिए जाने वाले प्रमाण पत्र पर सवाल उठाये हैं. उन्होंने सवाल उठाया की इन पुजारियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की मान्यता क्या है? प्रशिक्षण का स्तर क्या होगा? उन्होंने प्रशिक्षण के पहल की तारीफ तो की लेकिन एक सुझाव भी दिया। आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि प्रमाण पत्र को किसी विश्यविद्यालय से मान्यता प्राप्त होना जरुरी है.
पुजारियों के रिक्रूटमेंट के लिए इंटरव्यू का प्रोसेस क्या था?
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पुजारियों के भर्ती के लिए अक्टूबर में आवेदन निकाले थे. जिसके बाद 3 हजार लोगों ने इस पर आवेदन किया। सभी कैंडिडेट्स का इंटरव्यू लिया गया और मेरिट के आधार पर 200 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया. इनमे से सिर्फ 20 ही पुजारी के पद के लिए सलेक्ट होंगे। तो क्या प्रशिक्षण सिर्फ सलेक्टेड कैंडिडेट्स को बस मिलेगा। ऐसा नहीं है वो 200 कैंडिडेट्स जो फाइनल 20 में सलेक्ट नहीं हो पाए लेकिन शॉर्टलिस्ट हुए उन्हें भी प्रशिक्षण और प्रमाण पत्र दिया जाएगा। ताकि भविष्य में आने वाली पुजारी भर्तियों के लिए इन शॉर्टलिस्टेड कैंडिडेट्स को प्रायोरिटी दी जा सके.
अब जानते हैं कि इंटरव्यू पैनल में कौन-कौन था और क्या-क्या पैमाने तय किए गए थे. इंटरव्यू पैनल में वृन्दावन के पुजारी जय कांत मिश्रा और अयोध्या के दो महंत मिथलेश नंदनी शरण और नारायण दास शामिल थे. कैंडिडेट्स को इंटरव्यू में शामिल कराने के लिए 3 पैमाने तय किये गए थे.
- पहला उम्र 20 साल से 30 के बीच में हो
- दूसरा गुरुकुल से शिखा प्राप्त की हो.
- तीसरा रामानंदीय दीक्षा से दीक्षित और प्रशिक्षित हो.
इन पुजारियों से क्या सवाल पूछे गए?
इन पुजारियों से संध्या वंदन का तरीका और मंत्रों के बारे में पूछा गया. इसके आलावा रामभक्त से जुड़े कर्मकांड और खास मंत्रो का उचारण भी पुछा गया.
अब बात उन बदलावों की जो मूर्ति स्थापना के बाद राम मंदिर की पूजा विधि में देखने को मिलेगी। अब तक चली रही पंचोपंचार विधि से पूजा नहीं होगी बल्कि रामानंदीय पूजा पद्धति अपनाई जाएगी। नई पोथी का इस्तेमाल होगा जिसको बनाने का काम जारी है. श्री राम जन्मभूमि के परिसर में राम मंदिर के अलावा 6 और मंदिर होंगे। जिनका रख रखाव श्री राम जन्मभूमि अर्चक प्रशिक्षण के तहत चुने गए लोग ही करेंगे लगभग 18 हजार करोड़ की लगत से बन रहे राम मंदिर का ठेका लार्सन एंड टुब्रो ने लिया है जिसका उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से होगा