कैसे चुनें परफेक्ट जीवनसाथी !

न्याज़िया
मंथन।
क्या आप जानते हैं हमसफर में ऐसा क्या देखें !जिसके आगे सब फीका पड़ जाए ,शायद बहुत से लोग नहीं जानते इसीलिए हमारी युवा पीढ़ी हमसफर चुनने के पहले और बाद में भी कश्मकश में रहती है तो चलिए आज सोचते हैं ऐसा क्या है जो हमारे हमसफर में होना ही चाहिए जिससे हम एक खुशहाल ज़िंदगी जी सकें।

हर दिल अज़ीज़ शख्सियत

अगर हम ग़ौर करें तो हमारी ज़िंदगी के कुछ उसूल या नियम होते हैं तो उसे ढूंढे जो उनपे खरा उतर सके ,इसके लिए हमें एक अच्छा इंसान तलाश करना चाहिए जो हमसे पहले ही सारी दुनिया को भाता हो उसके बिहेवियर और नेचर की सब तारीफ करते हों यानी उसकी सीरत अच्छी हो फिर सूरत तो बाद में आती है जो हमारी नज़रों से संवरती है क्योंकि हम जिसे अपना मान लेते हैं वो प्यारा ही लगता है।

इज़्ज़त की अहमियत

फिर कुछ अहम खासियतों में पहली है ,इज़्ज़त, जो हमें कुछ मुलाक़ात में ही परख लेना चाहिए क्योंकि जो हमारी इज़्ज़त का ख्याल रख सके , हमें इज़्ज़त दे सके वो हमारा हो सकता है , इज़्ज़त सबसे क़ीमती चीज़ इसलिए है कि अगर ये चली जाए तो दोबारा आसानी से नहीं मिलती और फिर आपके हमसफर की आपके लिए इज़्ज़त नए घर परिवार में सबको दिखती है और सबसे इज़्ज़त दिलाती भी हैं ।

प्यार की परख

दूसरी खासियत है प्यार ,जो हमसे इतना प्यार करें कि अपनी जान से पहले उसे हमारी जान की परवाह हो वो हमारा ही है लेकिन इज़हार पर न जाएं ये आपको महसूस करना पड़ेगा क्योंकि कोई जताता है कोई नहीं जताता और कोई दिखावा करता है ,समझना आपको ही है उसको भी उसके सच झूठ और दिखावे को भी। इसलिए किसी को जीवन साथी बनाने से पहले उसको कुछ समय दें उसको समझने की कोशिश करें ।

परवाह

तीसरा है केयर यानी, किसी भी हाल में वो हमसे बेखबर न हो उसे हमारा ख्याल हो ,हमारे जज़्बातों की क़द्र हो हर परिस्थिति में वो हमारा सहारा बनने का माद्दा रखता हो। ये सहारा सिर्फ जज़्बातों में बहकर बाहों में भर लेने तक सीमित न हो बल्कि हमारी आदत के हिसाब से बेहतर से बेहतर ज़िंदगी देने और हिफाज़त करने का भी होना चाहिए, यानी बिन बोले भी उसको आपके दिल हाल समझ में आता हो।

यक़ीन

चौथा है भरोसा ,इसके लिए किसी को अपना बनाने से पहले खुद से ये सवाल करें कि कैसे भी हालात हों क्या हमेशा वो आपका भरोसा करेगा। क्योंकि शादी एक नई ज़िंदगी की शुरुआत है जिसमें दो लोग एक साथ एक ही ज़िंदगी जीते हैं, इसमें सब सांझा होते हैं ख्वाब ,अरमान मुस्कुराहटें , आंसू ,चाहतें ,और उम्मीदें भी ,सब बराबरी का होता है, हक़, इज़्ज़त और मोहब्बत भी और बराबरी से एक दूसरे से मिलता भी है जो दोगे वही मिलेगा ।

सारी चाहतें उसी के लिए

इसके बावजूद दूसरे को खुशी देने की चाहतें जितनी ज़्यादा होती हैं मोहब्बतें उतनी बढ़ती हैं और मोहब्बत हमें हर मुश्किल से लड़ने की ताक़त देती है तो चाहत हमें कुछ कर गुज़रने हिम्मत देती है जिससे कांटों भरी राहें भी गुलज़ार बन जाती हैं,नहीं! सोचिएगा ज़रूर इस बारे में ,फिर मिलेंगे आत्म मंथन की अगली कड़ी में, धन्यवाद।

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