Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए INDI गठबंधन के दो अहम सहयोगी समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के साथ सीट बटवारें के फॉर्मूले को अंतिम रूप दे दिया है. लेकिन बंगाल, महाराष्ट्र समेत अभी कई राज्य ऐसे पड़े हैं, जहां यह संकट अभी भी सुलझ नहीं पाया है. इन राज्यों में कांग्रेस और यहां के क्षेत्रीय दल के बीच सीट बंटवारे की बात नहीं बन पा रही है.
Congress Political Crisis: लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर साथी दलों के साथ शुरुआती चुनौतियों के बाद आखिरकार मामला सेट होता दिख रहा है. इंडिया गठबंधन के दो अहम सहयोगी आम आदमी पार्टी (AAP) और समाजवादी (सपा) के साथ कांग्रेस ने सीट बटवारे की बात पूरी हो गई है. ऐसे में अटकले लगाई जा रही हैं कि, कांग्रेस की मुश्किलें आसान हो रहीं हैं. दरअसल, ऐसा नहीं है कांग्रेस को अभी पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में सीट बंटवारे का मुद्दा सुलझाना चुनौती भरा है.
लोकसभा चुनाव होने में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. देश का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इसके लिए इंडिया गठबंधन बनाया है. जिसमें कई विपक्षी दल शामिल हैं जो भाजपा सरकार का विरोध करने वाले हैं. इंडिया गठबंधन की तरफ से अभी तक चुनावी अभियान शुरू नहीं किया गया है. इस गठबंधन के सामने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा है, जो पिछले दो लोकसभा चुनाव जीत चुकी है, और तीसरा जीतने की पूरी कोशिश कर रही है. वहीं बात अगर कांग्रेस की करें तो पार्टी दावे तो खूब कर रही है, लेकिन अपने सहयोगी दलों के साथ ही सीट बंटवारे की बात नहीं सुलझा पा रही है. दिल्ली और यूपी में बड़ी मुश्किल के बाद गठबंधन हो पाया है.
बंगाल में कैसी स्तिथि है?
पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और कांग्रेस पार्टी के बीच सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बन पा रही है. TMC का कहना है कि लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस ने राज्य की केवल दो लोकसभा सीटें ही जीत पाई थी. इसलिए इस बारी भी कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों पर ही चुनाव लड़ना चाहिए। वहीं कांग्रेस ज्यादा सीटों की मांग कर रही है. TMC कई बार कह चुकी है कि अगर कांग्रेस दो सीटों पर मानती है तो ठीक है नहीं तो हम पूरे राज्य में अकेले चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस ने टीएमसी से 10 सीटों की मांग कर रही थी, लेकिन टीएमसी ने इससे साफ इंकार दिया है.
महाराष्ट्र में क्या चल रहा?
इंडिया गठबंधन महाराष्ट्र में भी सीट बंटवारे को अंजाम तक नहीं पंहुचा पाया है. हालांकि, कहा जा रहा है कि कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच इसे लेकर आखिरी दौर की वार्ता हो रही है. यहां भी स्तिथि बंगाल वाली ही है कांग्रेस अपने लिए जितनी सीटें चाहती है, बाकी के दल उस पर तैयार नहीं हो रहे हैं. शिवसेना सांसद संजय राउत तो यहां तक कह चुके हैं कि पिछली लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश की एक भी लोकसभा सीट नहीं जीती थी. इसलिए कांग्रेस को सीट बंटवारे की शुरुआत जीरो के साथ करनी चाहिए। शिवसेना उन सीटों पर समझौता करने के लिए बिल्कुल राजी नहीं हो रही है. जिन सीटों पर उसने जीत हासिल की थी.