How much punishment can Rahul Gandhi get in the National Herald scam case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर धोखाधड़ी, विश्वासघात, और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं। ED के मुताबिक, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अपनी कंपनी यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (YIL) के जरिए असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की ₹2,000 करोड़ की संपत्तियों को सिर्फ ₹50 लाख में हासिल कर लिया।
AJL, जो नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी थी, को कांग्रेस पार्टी ने 1937 में स्थापित किया था। आरोप है कि कांग्रेस ने AJL को ₹90.21 करोड़ का ब्याज-मुक्त ऋण दिया, जो कभी चुकाया नहीं गया। इसके बाद, 2010 में यंग इंडिया लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है।
इस कंपनी ने AJL के 99% शेयरों को मात्र ₹50 लाख में हासिल कर लिया, जिसके बाद AJL की सारी संपत्तियां, जो दिल्ली, मुंबई, लखनऊ जैसे शहरों में फैली हैं, YIL के नियंत्रण में आ गईं। ED का दावा है कि यह एक “आपराधिक साजिश” थी, जिसमें कांग्रेस पार्टी के फंड का दुरुपयोग हुआ और संपत्तियों को गलत तरीके से हस्तांतरित किया गया।
इस स्कैम में कुल ₹988 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का अनुमान लगाया गया है, और इसमें AJL की संपत्तियों का मूल्य ₹2,000 करोड़ से अधिक बताया गया है।
नेशनल हेराल्ड स्कैम
National Herald Scam: यह स्कैम एक जटिल वित्तीय हेराफेरी के जरिए हुआ। सबसे पहले, कांग्रेस पार्टी ने AJL को ₹90.21 करोड़ का ब्याज-मुक्त ऋण दिया, जो 2008 तक बढ़ता गया जब AJL ने नेशनल हेराल्ड अखबार बंद कर दिया। 2010 में, कांग्रेस ने इस ऋण को यंग इंडिया लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया, और YIL ने इस ऋण के बदले AJL के शेयर हासिल कर लिए।
ED का आरोप है कि यह ट्रांसफर गैरकानूनी था, क्योंकि Representation of the People Act, 1951 और Income-tax Act, 1961 के तहत किसी राजनीतिक पार्टी का व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए धन उधार देना अवैध है। इसके बाद, YIL ने AJL की सारी संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल कर लिया, जिसमें दिल्ली के हेराल्ड हाउस जैसी प्रमुख संपत्तियां शामिल हैं। ED ने इसे “संपत्ति हड़पने की साजिश” करार दिया है, जिसमें कांग्रेस नेताओं ने एक जटिल वित्तीय ढांचे का इस्तेमाल किया।
नेशनल हेराल्ड घोटाले में कौन कौन आरोपी है
इस मामले में मुख्य आरोपी सोनिया गांधी और राहुल गांधी हैं, जिन्हें ED ने क्रमशः आरोपी नंबर 1 और 2 नामित किया है। इनके अलावा, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, और दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस भी आरोपी थे। दो कंपनियां, यंग इंडिया लिमिटेड और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड, साथ ही डोटेक्स के सुनील भंडारी भी आरोपियों में शामिल हैं। यह मामला सबसे पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली की एक अदालत में उठाया था, जिसके बाद ED ने 2021 में जांच शुरू की।
राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड घोटाले के मामले में कितनी सजा हो सकती है?
How much punishment can Rahul Gandhi get in the National Herald scam case: ED ने इस मामले में Prevention of Money Laundering Act (PMLA), 2002 की धारा 3 और 4, साथ ही धारा 70 (कंपनियों द्वारा अपराध) के तहत चार्जशीट दाखिल की है। अगर अदालत में ये आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अधिकतम 7 साल तक की जेल हो सकती है। इसके अलावा, उनकी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया भी तेज हो सकती है, जैसा कि ED ने पहले ही शुरू कर दिया है।
नेशनल हेराल्ड मामला एक जटिल वित्तीय घोटाले का उदाहरण है, जिसमें कांग्रेस नेताओं पर सार्वजनिक संपत्ति को निजी लाभ के लिए हड़पने का आरोप है। ED की जांच और चार्जशीट ने इस मामले को गंभीर मोड़ दे दिया है, और अगर आरोप सिद्ध हुए, तो इसके राजनीतिक और कानूनी परिणाम बड़े हो सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है, और इस मामले की सुनवाई अभी दिल्ली की अदालत में चल रही है, जिसमें अगली तारीख 25 अप्रैल 2025 तय की गई है।